नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तीन तलाक पर एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक पर अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से तीन तलाक को अध्यादेश के जरिये कानून बनाने का रास्ता साफ हो गया है। प्रधानमंत्री आज दिल्ली में हुई केंद्रीय कैबिनट की बैठक में तीन तलाक पर अध्यादेश लाने का फैसला किया गया। जानकारी के मुताबिक इसका स्वरुप नहीं बदला गया है और इसे जल्दी ही राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। आपको बात दें कि अध्यादेश के जरिये यह कानून छह महीने तक अपने अस्तित्व में रह सकता है, हालांकि उसके बाद सरकार को इसे पास करने के लिए संसद में लाना होगा।
गौरतलब है कि तीन तलाक का बिल राज्य सभा में पिछले दो सत्र से अटका हुआ है क्योंकि वहां बीजेपी को बहुमत नहीं है। जानकार इसे अगले कुछ महीने में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा के चुनाव से पहले मुस्लिम महिला वोटरों को रिझाने के तौर पर देख रहे हैं। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस और विपक्ष के अन्य दल मुस्लिम महिलाओं का कल्याण नहीं चाहते इसलिए वे इस बिल का विरोध करते रहे हैं जबकि कांग्रेस और कुछ अन्य दल इस बिल में कुछ फेरबदल की मांग करते रहे हैं।
आपको बता दें कि तीन तलाक को लेकर सबसे पहले कोर्ट में जाने वाली सायरा बाणों ने सर्कार के अध्यादेश वाले फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे उन महिलाओं को न्याय मिल सकेगा जो पुरुषों की तलाक के मामले में ज्यादती का शिकार होती रही हैं।
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