नई दिल्ली। मैसूर और चामराजनगर में 11 मंदिरों में लूट की घटनाओं को एक पांच सदस्यीय गैंग ने अंजाम दिया और पिछले पांच महीनों में करीब तीन लाख रुपये की लूट की है। उनके इस अभियान में सबसे ज्यादा मददगार रहा गूगल मैप्स। गैंग में शामिल सभी की उम्र 19-26 साल के बीच है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये फुल टाइम चोर नहीं हैं। सभी कहीं ना कहीं काम करते हैं, बस खाली समय में ही इन चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। ये गूगल मैप के जरिए सुदूर स्थित मंदिरों को खोजते थे और फिर चोरी की योजना बनाते थे। हालांकि उनके मंसूबों पर तब पानी फिर गया जब 11 चोरियों के बाद चामराजनगर पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। एसपी धर्मेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि हमें पिछले कुछ समय से मंदिरों में चोरी की घटनाओं की सूचना मिल रही थी, हालांकि सबमें एक बात कॉमन होती थी कि ये चोरियां शहर के बाहरी इलाकों में की जाती थीं। उन्होंने बताया, ‘हमने एक एसआईटी गठित की और इस गैंग तक पहुंचे।’ एसपी ने बताया कि इस गैंग ने चामराजनगर में 9 और मैसूर में दो मंदिरों को निशाना बनाया था। ये लोग पिछले पांच महीनों से सक्रिय थे। उन्होंने बताया, ‘ये लोग ना सिर्फ मंदिर की लोकेशन बल्कि उसके आसपास के रिहायशी इलाके की भी मैप के जरिए रेकी करते थे। इनके लिए यह पूरी तरह रिस्क फ्री धंधा था।’ ि
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