मन की बात: पीएम मोदी ने छात्रों को परीक्षा और जीवन में कामयाबी के दिए मंत्र

नई दिल्ली। दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में परीक्षा पे चर्चा क्रार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने आज बच्चों और अभिभावकों के सावलों के जवाब दिया। इस दौरान एक अभिभावक ने प्रधानमंत्री मोदी से बच्चों में बढ़ते गेम एडिक्शन पर सवाल किया। पीएम मोदी ने उस सवाल का काफी मजेदार तरीके से दिया। दरअसल एक बच्चे की मां ने कहा कि मेरा बच्चा हमेशा गेम खेलता रहता है, तब प्रधान मंत्री ने जवाब देते हुए पूछा ”ये पबजी वाला है क्या” ?
आपको बात दें कि पबजी एक ऑनलाइन गेम है जिसमें कई प्लेयर एक साथ इस गेम को खेलते हैं। आजकल यह गेम बच्चों में काफी पॉपूलर है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी एक वरदान के साथ-साथ अभिशाप भी है। और यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चा इसका उपयोग कैसे करताा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जो मूलभूत समाज रचना है, उसमें इस तनाव को दूर करने की सहज व्यवस्था है। लेकिन दुर्भाग्य से समाज व्यवस्था में जो परिवर्तन आए, जैसे पहले संयुक्त परिवार होता था तो बच्चा जो बातें पापा को नहीं कह सकता था, वो दादी को कह देता था। जो दादी को नहीं कह सकता था, वो मां से कह सकता था। इस तरह बच्चे को खुद को अभिव्यक्त करने का मौका मिलता था। आज ये व्यवस्था टूट रही है। जिससे की तनाव बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि मां-बाप को बच्चे की रूचि के अनुसार खुलेपन से बातें करनी चाहिए। बच्चों पर अच्छा परफॉर्म करने को लेकर दबाव पर पीएम मोदी ने कहा, अभिभावकों को कहूंगा कि आपके सपने भी होने चाहिएं और आशाएं भी होनी चाहिएं, लेकिन दवाब से स्थिति बिगड़ जाती है। जब भी आप बच्चे पर दबाव बना देते हैं, तो प्रतिक्रिया होती है। ऐसा न हो, इसका ध्यान रखना है। कभी कभी अभिभावक अपने बच्चे का रिपोर्ट कार्ड, अपना विजिटिंग कार्ड बना लेते हैं। ये सबसे बड़ी समस्या की जड़ है। मोदी ने पिछले साल फरवरी में छात्रों के साथ अपनी पहली बातचीत की थी। उस महीने के शुरू में, उन्होंने अपनी पुस्तक “एग्जाम वॉरियर्स” जारी की थी – जो छात्रों को परीक्षा की चिंता से लड़ने में मदद करने के लिए एक मार्गदर्शिका थी।

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