पुलवामा हमला: मास्टरमाइंड मसूद अजहर का भतीजा है—सुरक्षा एजेंसियों को शक

नई दिल्ली। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सात लोगों को हिरासत में लिया है। भारत की खुफिया एजेंसियों ने शक जताया है कि इस हमले का मास्टरमाइंड मोहम्मद उमैर है। मोहम्मद उमैर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भतीजा है। वहीं, 22 वर्षीय आतंकी आदिल अहमद जो की हमले के वक्त ही मारा गया था, उसके शव का कोई भी अवशेष नहीं मिला है। नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि बम बनाने वाला आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद से वास्ता रखता है। अधिकारी ने बम बनाने वाले आतंकी के नाम का खुलासा नहीं किया है। अधिकारी के मुताबिक आतंकी उमैर फिलहाल पुलवाम क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। जहां बीते साल 7 नवंबर को आतंकी तल्हा रशीद को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था। आतंकी तल्हा रशीद अब्दुल, रशीद कामरान का बेटा था साथ ही जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का साला था। हमले की जांच कर रही टीम के अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने जांच के बाद पाया है कि बस पर हमले के लिए उच्च श्रेणी का 80 किलोग्राम आरडीएक्स इस्तेमाल किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि बस के टुकड़ों की जांच के पता चला है कि इसमें आईईडी का इस्तेमाल नहीं हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक, इस तरह का जानलेवा हमला आरडीएक्स से ही संभव है। गौरतलब है कि शुरुआती जानकारी में माना जा रहा था कि आईईडी से इस हमले को अंजाम दिया गया।
अधिकारियों के मुताबिक, सीआरपीएफ के काफिले में 78 वाहन थे। इनमें 16 बुलेट प्रूफ बंकर भी शामिल थे। आतंकी हाईवे पर काकापोरा-लेलहर की तरफ से आया और काफिले के समांतर ही चल रहा था। आतंकी ने करीब 3.30 बजे अवंतिपोरा में काफिले की पांचवीं बस में विस्फोटक भरी गाड़ी टकरा दी। घाटी में खराब मौसम के चलते सुरक्षाबलों के काफिलों की आवाजाही रुकी थी। 4 फरवरी को ही 91 वाहनों का काफिला जिसमें 2871 जवान शामिल थे, जम्मू से कश्मीर पहुंचा था।
पुलवामा आतंकी हमले के एक दिन बाद कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को सुरक्षा बलों के काफिले की आवाजाही स्थगित कर दी गई। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि पृथक वाहनों की आवाजाही पर सख्ती से रोक लगाई गई है जबकि घाटी के अंदरूनी, एक जिले से दूसरे जिले में और किसी जिले के अंदर सेना एवं सीआरपीएफ के वाहनों की आवाजाही भी शुक्रवार को प्रतिबंधित रही।

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