नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात में आज से इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआईसी की बैठक शुरू होने जा रही है। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज अबू धाबी पहुंच चुकी है। पाकिस्तान के विरोध के बावजूद अबू धाबी में सुषमा स्वराज का जोरदार स्वागत किया गया। पाकिस्तान के इस कार्यक्रम के बहिष्कार के बावजूद विदेशमंत्री सुषमा स्वराज को यहां विशिष्ट अतिथि के तौर पर बुलाया गया है। ये पहली बार है जब भारत भी ओआईसी की बैठक का हिस्सा होगा।
पिछले 12 दिनों से हर मोर्चे पर मुंह की खा चुके पाकिस्तान ने सुषमा स्वराज को बुलाए जाने पर विरोध जताया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कार्यक्रम के बहिष्कार की भी बात कही है। आपको बता दें कि ओआईसी इस्लामी देशों का एक संगठन है जिसकी स्थापना 1969 में हुई थी। इसके 57 सदस्य देश हैं जिनमें 40 देश मुस्लिम बहुल हैं। ऐसे में भारत के विदेश मंत्री को इस कार्यक्रम में खास मेहमान के तौर पर बुलाना पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर एक और ज़ख्म देने जैसा है।
पाकिस्तान के लिए यह तगड़ा झटका इसलिए भी है कि वह हमेशा से इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करता आया है और इस संगठन में भारत की एंट्री का विरोध करता आया है। थाइलैंड और रूस जैसे कम मुस्लिम आबादी वाले देशों को भी OIC के पर्यवेक्षक का दर्जा मिला हुआ है लेकिन 18.5 करोड़ मुस्लिम आबादी वाले भारत को यह दर्जा नहीं है। इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया था कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामी सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की 46वीं बैठक के लिए अबू धाबी रवाना हो गईं। पहली बार भारत को सम्मानित अतिथि का दर्जा दिया गया है। विदेश मंत्री पूर्ण बैठक को संबोधित करेंगी और द्विपक्षीय बैठकें करेंगी।
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