इस्लामाबाद। आतंकियों, हत्यारों और अपहरणकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम पाकिस्तान की इमरान सरकार ने लगभग एक दर्जन से ज्यादा पत्रकारों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिये हैं। इन पत्रकारों और संस्थाओं पर आरोप है कि इन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की यात्रा के दौरान न्यूयॉर्क टाइम्स के जर्नलिस्ट जमाल खशोगी का फोटो अपने सोशल मीडिया की डीपी पर लगाकर खाशोगी की हत्या का विरोध किया था।
इमरान सरकार का आरोप है कि कुछ पत्रकारों और सामाजिक संगठनों के समूहों ने सोशल मीडिया पर मुहम्मद बिन सलमान को निशाना बनाकर अभियान चलाया था। जिससे न केवल मेहमान-ए-खुसूसी के साथ बेअदवी हुई बल्कि पाकिस्तान सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। दरअसल, जर्नलिस्ट खाशोगी रहस्यमय ढंग से लापता हो गये थे। इसके बाद उनकी हत्या की खबरें तो आयीं लेकिन उनका शव तक बरामद नहीं हुआ। ऐसा कहा जाता है कि जमाल खाशोगी की हत्या क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के इशारे पर की गयी थी और फिर शव गायब करवा दिया गया। जमाल खाशोगी की हत्या पर पश्चिमी मीडिया ने काफी हो हल्ला मचाया था। यह भी कहा जाता है कि ट्रंप से बेहतर रिश्तों के कारण क्राउन प्रिंस इस मामले को दबाने में कामयाब भी रहे।
So the shameful govt of @ImranKhanPTI has a problem with putting the picture of slain journalist #JamalKhashoggi on your twitter profile and considers it against the law? Come arrest me, you shameless creatures. pic.twitter.com/4YJIirSKgB
— Murtaza Solangi (@murtazasolangi) March 27, 2019
इस सिलसिले में पाकिस्तान के जाने-माने जर्नलिस्ट मुर्तजा सोलंगी ने कहा है कि इमरान सरकार का शर्मनाक कदम है। उन्होंने पूछा कि पाकिस्तान के किस कानून में लिखा है कि जमाल खाशोगी की डीपी लगाना किसी जुर्म के तहत आता है। एफआई के एडिशनल डाईरेक्टर ने अपने मातहतों को निर्देश दिये हैं कि क्राउन प्रिंस को निशाना बनाकर चलाये गये अभियान की जांच रिपोर्ट दैनिक आधार पर दाखिल करने के निर्देश दिये हैं।
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