
मथुरा। आज हनुमान जयंती है। इस मौके पर सुबह से ही देशभर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी है। श्रद्धालु सुबह से ही राम भक्त हनुमान की पूजा अराधना में जुटे हैं। इस मौके पर जगह-जगह पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। मान्यता के मुताबिक चैत्र मास की पूर्णिमा पर हनुमान जी प्रकट हुए। हनुमान जी की मां का नाम अंजना है। श्री केसरी हनुमान जी के पिता जी का नाम है। हनुमान जी का बचपन का नाम मारुति था। हनुमान जी के 5 छोटे भाई है। पहले गुणों के आधार पर नाम दिया जाता था। हनुमान जी बहुत तेज दौड़ते थे इसलिए उनको वायुपुत्र कहा गया। हनुमान जी बहुत ज्ञानी और कलाकार हैं। गोस्वामी जी भी हनुमान की कला के प्रशंसक हैं। हनुमान जी बंदर नहीं है। हनुमान जी वन में रहने वाले नर हैं। हनुमान जी सामवेद के ज्ञाता हैं। कई सारे वाद्य यंत्र हनुमान जी को बजाना आते हैं।
आपको बता दें कि किसी देवता की जयंती वर्ष में एक ही बार पड़ती है लेकिन राम भक्त हनुमान की जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। इसमें एक कार्तिक कृष्ण एकादशी को तो दूसरी चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि 18 अप्रैल को शाम 6.21 बजे लग गई जो 19 अप्रैल को शाम 4.31 बजे तक रहेगी। वहीं मेष लग्न प्रात: 7.02 बजे से 8.58 बजे तक रहेगी।
वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड सर्ग 35वें श्लोक में लिखा है कि जन्म लेते ही हनुमान जी को भूख लगी। इसलिए माता अंजना फल लेने चली गईं, उस समय सूर्य का उदय हो रहा था। भूख से व्याकुल हनुमान जी ने सूर्य को भी फल समझा और वे उन्हें खाने को आकाश मंडल में दौड़े। उसी दिन राहु भी ग्रहण के चलते सूर्य के समीप था। हनुमान जी ने सूर्य रथ के पास आए हुए राहु को ऐसा झटका मारा की वह मूर्छित हो गया। होश आने पर क्रोध में इंद्र के पास गया और कहा कि मुझसे भी बलवान राहू सूर्य को ग्रहण लगाने के लिए आया है। इंद्र वहां आए और हनुमान जी पर वज्र से प्रहार कर दिया जिसके प्रभाव से उनकी ठोढ़ी टूट गई। वहीं दूसरी तरफ, हनुमद् उपासना कल्पद्रुम ग्रंथ में वर्णित है कि चैत्र शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार के दिन मूंज की मेखला से युक्त और यज्ञोपवीत से भूषित हनुमान जी उत्पन्न हुए। इस विषय के ग्रंथों में इन दोनों के उल्लेख मिलते हैं।
मान्यता के मुताबिक मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा-आराधना करने से भक्तों को सदैव हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है। मंगलवार के अलावा शनिवार का दिन भी बजरंगबली का दिन माना जाता है। जो व्यक्ति शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करता उसे शनि की बुरी नजर नहीं लगती है। मान्यता के मुताबिक हनुमान जी कलयुग में जीवित देवता है और ऐसी मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धापूर्वक और भक्ति भाव से हनुमान जी की उपासना करता है उसकी हर मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। शास्त्रों हनुमानजी को प्रसन्न करने के कुछ उपाय बताए गए है जिसे करने से बजरंगबली जरूर प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूरी करते है।
पूजा विधि…
- हनुमानजी को तुलसी के पत्ते बहुत प्रिय होते हैं जो भक्त हनुमान जी की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करता है उसके जीवन में उसे सुख, समृद्धि, वैभव और तरक्की प्राप्त होती है।
- जिन हनुमान भक्तों के घरों पर नियमित रूप से हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड और रामचरितमानस का पाठ होता रहता है उन्हें हमेशा हनुमान जी की कृपा मिलती है।
- हनुमानजी शंकर भगवान के अवतार है जो भक्त प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर गंगाजल और बेलपत्र अर्पित करता है बजरंगबली उसकी हर एक मुराद पूरी करते हैं।
- घर में हर तीसरे माह हनुमान यज्ञ या साल में एक बार हनुमान जयंती पर सुंदरकांड का पाठ जरूर करवाएं।
- हनुमान जयंती पर बजरंग बली को प्रसन्न करने के लिए चोला जरूर चढ़ाना चाहिए। इससे आपकी मनोकामना पूरी होती है।
- हनुमान जी का दर्शन कर उनका विधिवत पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन कर नैवेद्य में लड्डू, ऋतु फल, खुर्मा इत्यादि अर्पित करना चाहिए।
- हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, हनुमान बाहुक, हनुमत सहस्त्रनाम, हनुमान मंत्र इत्यादि का पाठ-जप करना चाहिए।
- हनुमान जी के प्रसन्न होने से जीवन में आने वाले सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन सुखमय होता है।
1. रखें शुद्धता का ध्यान
हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है. नहाने के बाद साफ-धुले कपड़े ही पहनें. अगर हो सके तो इस दिन कोरे या नए कपड़े पहनने चाहिए. मान्यता है कि इस दिल काले रंग के कपड़े पहनकर पूजा नहीं करनी चाहिए. हनुमान जी को लाल रंग प्रिय है. पूजा करते समय लाल या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. इसके अलावा ब्रह्मचर्य का पालन भी करें.
2. नमक का सेवन न करें
जो भक्त व्रत रख रहे हैं उन्हें हनुमान जयंती के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि अगर इस दिन मिठाई का दान कर रहे हैं तो स्वयं उस मिठाई को न खाएं.
3. मांस या मदिरा से दूर रहें हनुमान जयंती के दिन मांस या मदिरा का सेवन न करें. अगर व्रत रख रहे हैं तो किसी भी सूरत में इन चीजों से दूर रहें. अगर व्रत नहीं कर रहे हैं तब भी मांस-मदिरा का त्याग करें. इन चीजों का सेवन करने के बाद न तो हनुमान जी की पूजा करें और न ही उनके मंदिर जाएं.
4. सूतक में न करें पूजा
अगर सूतक है तो हनुमान जयंती के दिन न तो हनुमान जी का व्रत रखें और न ही उनकी पूजा करें. गौरतलब है कि जब घर में किसी की मौत हो जाती है या बच्चे का जन्म होता है तो सूतक लग जाता है. सूतक के दौरान भगवान की पूजा करने की मनाही है.
आप सभी को हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
Greetings to everyone on the auspicious occasion of Hanuman Jayanti. pic.twitter.com/lFxxnhoqhh
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) March 31, 2018
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