नई दिल्ली। तूफान ‘फानी’ 175 किमी/घंटा की रफ्तार से ओडिशा में पुरी के तट से टकरा चुका है. फानी की वजह से ओडिशा के अनुमानित तौर पर 10,000 गांव और 52 शहर प्रभावित होने के आसार हैं। ऐसे में इलाके से करीब 11 लाख लोगों को तटीय इलाकों से हटाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. इसके अलावा लोगों को सुरक्षित रखने के लिए 5000 शेल्टर होम तैयार किए गए हैं।
इसी बीच तूफान से जुड़ी कई बातें हैं जो देश के लोगों को समझ नहीं आ रही हैं. जिनमें से सबसे जरूरी तूफान का नाम है. ‘फानी’ को नाम देने वाला बांग्लादेश खुद इस तूफान को ‘फोनी’ कह रहा है. वहीं ओडिशा को ‘भारत की त्रासदियों की राजधानी’ क्यों कहा जा रहा है? इसके अलावा ओडिशा के कई इलाकों में येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है. ये येलो अलर्ट होता क्या है. इन्हीं सवालों के जवाब हम यहां दे रहे हैं-
‘फानी’ को बांग्लादेश फोनी क्यों कह रहा है?
फानी का नाम बांग्लादेश का दिया हुआ है, लेकिन बांग्लादेश में इसे फानी नहीं बल्कि ‘फोनी’ कहा जा रहा है. जिसका मतलब सांप के फन से है. दरअसल इस तूफान का नाम पहले से निर्धारित एक लिस्ट से लिया गया है. भारतीय मौसम विभाग, हिंद महासागर के आस-पास के 8 देशों से तूफानों के 8-8 नामों की एक लिस्ट मांगकर इस क्षेत्र में आने वाले तूफानों के नाम रखता है. ऐसे में 64 नामों की जो लिस्ट तैयार हुई थी, ‘फानी’ उनमें से 57वां तूफान है. इस लिस्ट में तूफान का नाम फानी (Fani) ही था लेकिन अब बांग्लादेश इसे फोनी (Foni) कह रहा है, जो बांग्ला उच्चारण के चलते है. पूर्व निर्धारित नाम होने के कारण बाकी देश ऐसा नहीं कर रहे. जो 8 देश तूफानों का नाम रखने के लिए 8-8 नाम देते हैं, वे हैं- भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान और थाईलैंड.
ओडिशा को क्यों कहते हैं त्रासदियों की राष्ट्रीय राजधानी?
यह राज्य, जिसे अक्सर त्रासदियों की राष्ट्रीय राजधानी भी कहा जाता है, ऐसे साइक्लोन इस राज्य के लिए कोई नई बात नहीं हैं. सिर्फ मानसून से पहले ही नहीं मानसून के बाद भी अक्टूबर और नवंबर में यहां पर कई चक्रवात आते हैं. सिर्फ सात महीने पहले अक्टूबर, 2018 में ओडिशा में ‘तितली’ तूफान आया था. खास बात यह है कि अनपेक्षित तौर पर यह तूफान उड़ीसा में आने के बाद पूर्वोत्तर की ओर मुड़ गया था। 2013 में यह राज्य फेलिन नाम के तूफान से प्रभावित हुआ था. 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद राज्य को प्रभावित करने वाला यह सबसे खतरनाक तूफान था।
येलो अलर्ट क्या होता है?
भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार को ओडिशा के तटीय इलाकों के लिए एक येलो अलर्ट जारी किया है. इसका मतलब है कि साइक्लोन फानी के आने चलते कई जगहों पर भारी बारिश होने के आसार हैं। येलो वार्निंग का मतलब यह होता है कि मौसम बुरी तरह से ख़राब होने वाला है. ऐसे में लोगों को किसी खतरे से बचने के लिए चेतावनी जारी की जाती है. इसका मतलब यह भी होता है कि उन्हें आने वाले दिनों के लिए तैयारी कर लेनी चाहिए और किसी प्रकार की यात्रा से बचना चाहिए. इसके अलावा अपने रोजमर्रा के कामों को बंद कर देना चाहिए।
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