ओडिशा: फानी तूफान ने ली 16 जान, पीएम मोदी कल खुद लेंगे नुकसान का जायजा

नई दिल्ली। फानी तूफान की वजह से ओडिशा में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। यहां पर फानी तूफान की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान बिजली और टेलीफोन सेवाओं को पहुंचा है। हालांकि अच्छी बात ये है कि अब राज्य में रेल और हवाई सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। वहीं पीएम मोदी भी कल ओडिशा का दौरा करेंगे और हालात का जायजा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया है, ‘मैं हालात का जायजा लेने के लिए 6 मई को ओडिशा जाऊंगा।’

इधर एअर इंडिया भी मदद के लिए आगे आई है। उसने तूफान प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए कोई किराया नहीं लेने का ऐलान किया है। शनिवार को फानी तूफान के कारण प. बंगाल और झारखंड के कई शहरों में तूफानी हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हो रही है। दोनों राज्यों में प्रशासन हाई अलर्ट पर है। पश्चिम बंगाल में फानी से किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। कोलकाता एयरपोर्ट से जो उड़ानें रद्द कर दी थीं, उसे शनिवार से बहाल कर दिया गया है।


वहीं ओडिशा में चक्रवाती तूफान फानी की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि मरने वाले 16 लोगों में से मयूरभंज के 4, पुरी, भुवनेश्वर और जाजपुर के 3-3 और क्योंझर, नयागढ़ व केंद्र पाड़ा के 1-1 व्यक्ति शामिल हैं। प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए रवाना होने से पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि नागरिक समाज संगठनों, एनडीआरएफ, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) के कर्मियों और एक लाख अधिकारियों के साथ लगभग 2 हजार आपातकालीन कर्मचारी सामान्य जनजीवन को फिर से बहाल करने के कार्य में लगे हुए हैं।

राज्य के लगभग 10 हजार गांवों और 52 शहरी क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत और पुनर्वास कार्य शुरू कर दिए गए हैं। इस तूफान से करीब एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। यह चक्रवाती तूफान अत्यधिक शक्तिशाली माना जा रहा है। फानी तटीय क्षेत्र पुरी में शुक्रवार को टकराया था। माना जा रहा है कि यह चक्रवात ग्रीष्मकालीन चक्रवातों में ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ श्रेणी का है। बीते 43 सालों में ओडिशा पहुंचने वाला पहला और बीते 150 सालों में आए तीन सबसे ताकतवर तूफानों में से एक है।

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