आनंद गिरि की कोर्ट में सुनवाई, जाइऐ पूरी खबर

महिलाओं से अमर्यादित आचरण के आरोप में आस्ट्रेलिया के सिडनी में गिरफ्तार योगगुरु स्वामी आनंद गिरि की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सिडनी की निचली अदालत से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद ऊपर की अदालत में अर्जी दी गई थी। माना जा रहा था कि इस पर बुधवार को सुनवाई होगी, फिलहाल यह मामला टल गया है।
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि ने बुधवार को ‘अमर उजाला’ से बातचीत में फिर उम्मीद जताई कि स्वामी आनंद गिरि जल्द ही और बेदाग बरी हो जाएंगे, लेकिन मामले की अगली सुनवाई कब होगी, इसके बारे में निश्चित तौर पर कुछ कहना संभव नहीं है। सिडनी में स्वामी आनंद गिरि के समर्थकों से हुई बातचीत के आधार पर उन्होंने बताया कि वहां उनके समर्थक लगातार उनकी जल्द रिहाई की कोशिश में जुटे हैं। मामले की पैरवी के लिए वहां के अच्छे बैरिस्टर से संपर्क साधा गया है। लेकिन, वहां के कानून के मुताबिक मामले की सुनवाई तथा इससे जुड़े अन्य मुद्दों के बारे में अभी ठीक तौर पर कोई सूचना नहीं है।

इस बीत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और पंचदशनाम जूना अखाड़े के राष्ट्रीय संरक्षक महंत हरिगिरि ने मठ बाघंबरी गद्दी पहुंचकर महंत नरेंद्र गिरि से औपचारिक मुलाकात की। वहीं मामले की पल-पल की खबर जानने के लिए महंत नरेंद्र गिरि के पास देश भर से दिन भर फोन आते रहे। महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि आनंद गिरि के समर्थकों की ओर से दी जाने वाली जानकारी सूचना का मुख्य आधार हैं। समर्थक आश्वस्त हैं कि उन्हें जल्द ही रिहाई मिल जाएगी।

आरोप लगाने वाली उन दोनों महिलाओं की ओर से किसी तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आनंद गिरि से अनुरोध किया गया था, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। संभवत: इसी बात को लेकर कुछ कहासुनी हुई होगी, जिसके बाद उन्होंने आनंद गिरि पर अमर्यादित आचरण का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट लिखाई और उनकी गिरफ्तारी हुई। हालांकि, आरोप लगाने वाली दोनों ही महिलाएं स्वामी आनंद गिरि की परिचित हैं। – महंत नरेंद्र गिरि

त्रिवेणी बांध स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर में बुधवार को भी पूजा एवं सांध्य आरती नियत समय पर नियमानुसार हुई लेकिन इस बीच मंदिर के व्यवस्थापक योगगुरु स्वामी गिरि की कमी महसूस की जाती रही। प्रयागराज में उपस्थिति के दौरान निश्चित तौर पर स्वामी आनंद गिरि की पूरे विधि विधान के साथ सांध्य आरती उतारते हैं, उनकी अनुपस्थिति में पुजारियों ने यह दायित्व संभाल रखा है।

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