डॉक्टर बनना चाहती थी अंजली, क्यो लगाई फॉसी

मथुरा के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही अंजली यादव की मौत ने उसके माता-पिता को तोड़कर रख दिया है। परिजनों पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अंजली डॉक्टर बनकर माता-पिता का सपना पूरा करना चाहती थी, लेकिन उसकी मौत से अब हर कोई स्तब्ध है।

करहल के मोहल्ला सदर बाजार निवासी दवा कारोबारी मुकेश कुमार की बेटी अंजली मथुरा स्थित केडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। माता-पिता की चहेती होने के साथ ही वो मेधावी थी। वो अक्सर कहा करती थी कि मां-बाप की आंखों में उसके डॉक्टर बनने का जो सपना पल रहा है, उसे वो हर हाल में पूरा करके दिखाएगी।

गुरुवार रात अंजली ने कॉलेज के मनोरंजन कक्ष में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह जानकारी जैसे ही परिजनों को मिली तो कोहराम मच गया। शुक्रवार को जैसे ही शव घर पहुंचा परिजनों में चीख पुकार मच गई। घर पहुंचे रिश्तेदार और ग्रामीण सभी की आंखें नम थीं। शुक्रवार शाम उसका अंतिम संस्कार किया गया।
परिवार ने लगाया यह आरोप
छात्रा के चाचा ब्रजेश कुमार ने बताया कि अंजली के पिता ने तहरीर दी थी, पर उसके आधार पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। पुलिस ने अपने मुताबिक आत्महत्या की तहरीर लिखवाई है। उनका आरोप है कि कॉलेज प्रशासन के उत्पीड़न के चलते उनकी भतीजी ने आत्महत्या का कदम उठाया है।

मथुरा के छाता कोतवाली प्रभारी हरवेंद्र मिश्रा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की मौत का कारण हैंगिंग आया है। परिजनों ने भी आत्महत्या की तहरीर ही दी है। उधर, कॉलेज प्रशासन ने छात्रा की आत्महत्या के मामले में जांच कमेटी का गठन किया है।

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