ईडी ने बताया कि मनी लांड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अटैच की गई संपत्तियों में नागपुर के एक शॉपिंग मॉल में केएसएल एंड इंडस्ट्रीज के मालिकाना हक वाली 2,70,374 स्क्वॉयर फुट जगह भी शामिल है। ईडी के मुताबिक, तायल समूह और केएसएल समेत उसकी चार कंपनियों ने 2008 में बैंक ऑफ इंडिया और आंध्र बैंक से करीब 524 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।
आरोप है कि तायल समूह के प्रमोटर प्रवीण कुमार तायल ने इस पैसे को शैल (मुखौटा) कंपनियों के जरिए इधर-उधर घुमाकर बाद में हड़प लिया और बैंकों का कर्ज नहीं लौटाया। ईडी ने सीबीआई की तरफ से इस मामले में दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
तायल समूह के खिलाफ दूसरी कार्रवाई
तायल समूह के खिलाफ यह पीएमएलए के तहत दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले भी समूह के खिलाफ यूको बैंक से कर्ज लेकर हड़पने के एक मामले की जांच चल रही है। इस मामले में भी ईडी ने 2016 में समूह की करीब 234 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली थी। इस मामले में ईडी ने कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है।
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