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पीड़िता नवधा अग्रवाल (27) ने मामले की सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी। लेकिन मामले में उसकी सुनवाई नही हुई। हमले में नवधा के चेहरे पर नाखूनों के गहरे निशान आ गए। थाने जाने पर भी चुनाव होने की बात कर उन्हें शिकायत लेकर वहां से टरका दिया गया।
पीड़िता का आरोप है कि पांच दिन बीतने के बाद भी उनकी शिकायत पर काई मामला दर्ज नही किया गया है। पीड़िता ने सोशल मीडिया (फेसबुक और ट्विटर) पर अपना दर्द बयां किया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मामले की छानबीन करने की बात कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार नवधा अग्रवाल अपने परिवार के साथ मयूर विहार फेस-2 पॉकेट-बी में रहती हैं। इनके परिवार में पिता रजनीश अग्रवाल, मां व अन्य सदस्य हैं। रजनीश चार्टड अकाउंटेंट हैं, जबकि नवधा गुरुग्राम में एक एमएनसी में नौकरी करती हैं। नवधा ने छोटी नस्ल (टॉय डॉग) लहासा एप्सो कुत्ता पाला हुआ है।
आरोप है कि गत नौ मई शाम को वह घर के पास अपना कुत्ता घुमा रही थीं तब महिला जज भी वहीं पास में मौजूद थीं। नवधा के कुत्ते घुमाने पर महिला जज नाराज हो गईं। उनका कहना था कि ऐसे खुले में कुत्ता घुमाने की अनुमति नही होनी चाहिए। नवधा का आरोप है कि बहस के दौरान महिला जज ने अचानक उस पर हमला कर दिया। उसके चेहरे को नाखून से नोच दिया गया।
शोर शराबा होने पर नवधा अपने घर आ गई। उसने परिजनों को सूचना देने के बाद मामले की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पुलिस पहुंच भी गई। लेकिन महिला जज का पता चलते ही पुलिस अधिकारी पीछे हट गए। वह कार्रवाई का आश्वासन देकर चले गए। पीड़िता खुद ही लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंची और उसने अपना मेडिकल करवाया।
बाद में रात को थाने में लिखिल शिकायत दी। नवधा का आरोप है कि महिला जज के प्रभाव के कारण पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की। हताश होकर उसने अपना दर्द फेसबुक और ट्वीटर पर बयां कर दिया। अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मामले की जांच कराने और कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
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