हाईवे पर धूल उड़ी तो लगेगा जुर्माना, जिलाधिकारी ने दिए सख्त निर्देश

आगरा में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए निर्माण कार्यस्थलों की जांच होगी। नेशनल हाईवे-2 पर चल रहे निर्माण कार्यों में भी धूल नहीं उड़नी चाहिए। जिन साइटों पर पानी की छिड़काव समेत अन्य उपाय नहीं किए जा रहे हैं, उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। ये निर्देश जिलाधिकारी ने दिए हैं।

जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने शुक्रवार को जिलाधिकारी कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि शहर में वायु प्रदूषण मुख्य रूप से वाहनों से जनित प्रदूषण, रोड डस्ट एवं अन्य फ्यूजिटिव ऐमीशन, सॉलिड वेस्ट बर्निंग, बायोमास बर्निंग, औद्योगिक उत्सर्जन, कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन गतिविधियां हैं। इन्हें रोका जाना जरूरी है।

जिलाधिकारी ने प्रदूषण बोर्ड के एक्शन प्लान के मुताबिक एडीए और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो निर्माण कार्यों की जांच कराएं। यह सुनिश्चित करें कि इन साइटों पर कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलेशन एक्ट का अनुपालन हो रहा है कि नहीं।

कूड़ा जलाने वालों पर होगी कार्रवाई

उन्होंने नगर निगम को निर्देश दिए कि वो रेत, चंबल, ईंट आदि के फुटकर विक्रेताओं की जांच करें कि उनके यहां रेत, चंबल आदि पर पानी का छिड़काव लगातार किया जा रहा है कि नहीं। निर्माण सामग्री को ढक कर रखा जाए। ऐसा नहीं करने पर उनका चालान किया जाए।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कूड़ा जलाने वालों पर सख्ती करें। ढाई हजार और पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाए। उन्होंने आरटीओ को निर्देशित किया कि डीजल वाहनों का संचालन बंद करें। 15 साल पुरानी गाड़ियों का संचालन भी नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बैटरी और ई व्हीकल को प्रोत्साहित करें। जाम की समस्या पैदा नहीं होनी चाहिए। बैठक में यूपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी बीपी यादव, डॉ. विश्वनाथ शर्मा, आरटीओ डीके सिंह, एडीए, एनएचएआई, गेल गैस, वन विभाग, नगर निगम, आईओसी के अधिकारी ईंट भट्ठा एसोसिएशन व क्रेडाई के सदस्य उपस्थित रहे।

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