लोकसभा चुनाव 2019 : इस बार देश के इतिहास में सबसे अधिक मतदान
इस बार लोकसभा चुनावों में 67.11 फीसदी वोट पड़े, जो देश के संसदीय चुनावों के इतिहास में सबसे अधिक मतदान है। चुनाव आयोग के अनुसार इसमें बदलाव संभव है। वर्ष 2014 में 66.40 वोटिंग हुई थी। इन चुनावों में 90.99 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे, वहीं कुल 543 लोकसभा सीटों में से 542 के लिए चुनाव हुआ। तमिलनाडु की वेल्लोर सीट पर धनबल के प्रयोग के चलते चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद विपक्ष ने अपनी रणनीति बदल दी है। भाजपा की सरकार बनती देख उन्होंने मंगलवार को होने वाली अपनी बैठक स्थगित कर दी है। लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले विपक्षी दलों ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मिलने की तैयारी की है। इस मुलाकात में ईवीएम के साथ वीवीपैट की पर्ची के मिलान का मुद्दा उठाया जाएगा। विपक्ष की मांग है कि यदि किसी भी मतदान केंद्र पर गड़बड़ी पाई जाती है तो समूचे विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम के साथ वीवीपैट का मिलान होना चाहिए।
विपक्षी दलों को लगता है कि 23 मई को नतीजों के बाद अगर करीबी स्थिति बनती है तो यूपीए समेत तीसरे मोर्चे की संभावना पर विचार किया जा सकता है। इसके लिए चंद्रबाबू नायडू तीन दिन से मोर्चा संभाले हैं। शरद पवार मंगलवार को दिल्ली पहुंच जाएंगे।
यह दोनों नेता अपने स्तर से विपक्षी दलों को एकजुट करके यूपीए के पक्ष में लाने की कवायद में जुटे हैं। यह बात और है कि सपा-बसपा गठबंधन ने विपक्ष की एकता में अपने सहयोग के वादे को तो दुहराया है, लेकिन गठबंधन की भूमिका पर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
Leave a Reply