कंगाल जूलरी शॉपर बन बैठा नकली सिक्के बनाने का मास्टर माइंड

नई दिल्ली। कुछ साल पहले तक उपकार लूथरा भी आम इंसानों की तरह दिल्ली में जूलरी शॉप चलाकर जिंदगी को आगे बढ़ा रहा था। लेकिन एक रात उसकी दुकान में चोरी हो गई। चोर एक-एक सामान उठाकर ले गए. एक ही रात में लूथरा कंगाल हो गए. इसके बाद लूथरा ने कम पूंजी में एक के बाद एक कई और काम भी किए। लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली. बाद में लूथरा पर एक हत्या का भी आरोप लगा।

इसके बाद फिर जो हुआ उससे आज देश के करीब 7 राज्यों की पुलिस उपकार लूथरा नाम से वाकिफ है. आज लूथरा 10 और 5 रुपये के नकली सिक्के बनाने का मास्टर माइंड है। पुलिस के अनुसार अब तक लूथरा 100 करोड़ से अधिक के सिक्के बाज़ार में झोंक चुका है. नेपाल तक उसने अपना ये गोरखधंधा फैला रखा है। जब ये गोरखधंधा बड़ा हुआ तो लूथरा का भाई स्वीकार लूथरा भी उसका हाथ बंटाने लगा।

नकली सिक्कों की मांग बढ़ी तो लूथरा ने लोगों को सिक्कों की डाई देकर सिक्के बनाने की फ्रेंचाइजी दे दी. ऐसे लोगों से लूथरा हर महीने पैसे लेता था. बाजार में सिक्के खपाने के लिए लड़कियों को रखने लगा. सोमवार को फरीदाबाद में ऐसी ही एक युवती को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सिक्के बनाने की फैक्ट्री भी पकड़ी गई है. एक लाख रुपये से अधिक के नकली सिक्के भी बरामद हुए हैं.

दिसंबर 2016 और जुलाई 2017 में लूथरा गिरफ्तार भी हो चुका है. पुलिस की मानें तो देश के सात राज्यों में लूथरा ने नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री लगा रखी हैं. एक फैक्ट्री नेपाल में भी लगाई हुई है. जब देश में पुलिस का दबाव ज्यादा बनता है तो फिर नेपाल से सिक्के बनकर आते हैं. खुलासा हुआ है कि लूथरा के सबसे ज्यादा ग्राहक टोल प्लाजा वाले हैं.60 रुपये में बिकते हैं 100 रुपये के सिक्के।

लूथरा 60 से 70 रुपये में 100 रुपये के नकली सिक्के देता था. वहीं दूसरे छोटे ग्राहकों को सिक्के बेचने के लिए उनकी पैकिंग पर टकसाल की नकली सील लगाता था. उसके एजेंट खुद को बैंक का प्रतिनिध बताते थे। यहां पर 100 रुपये के सिक्के 80 रुपये तक में बेचे जाते थे।

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