झोपड़ी में रहने वाली महिलाओं को रोजगार दे बना रहा आत्मनिर्भर

हरियाणा में कुरुक्षेत्र जिले के एक छोटे से परिवार के बड़े बेटे कृष्ण गोपाल गुलाटी ने बिजनेस में अपने कदम रखे तो ऐसी धमक जमाई कि सब देखते रह गए। लेकिन सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए उन्हें अपने परिवार के साथ जमीन पर भी सोना पड़ा। उन्होंने जीतोड़ मेहनत की और नतीजा यह रहा कि उनकी कंपनी मार्टिंस का नाम अब पंजाब, हरियाणा, हिमाचल के साथ विदेश तक पहुंच गया है। गुलाटी की कंपनी इंटीरियर व कारपोरेट फर्नीचर की दुनिया का बड़ा नाम है। गुलाटी बिजनेस के साथ समाजसेवा भी कर रहे हैं। पेश है बिजनेसमैन कृष्ण गोपाल गुलाटी से बातचीत के मुख्य अंश।

सवाल : इंटीरियर व कारपोरेट फर्नीचर इंडस्ट्री का कांसेप्ट कहां से आया
जवाब : 
मेरे पिता जी खेती करते थे। साथ ही स्टील का फर्नीचर भी तैयार करते थे। परिवार का गुजारा तो हो जाता था, लेकिन मुझे कुछ नया करने की चाहत थी। अपने इसी सपने को लेकर मैं अपने भाई एलबी गुलाटी के साथ पंचकूला आया। मुझको और मेरे भाई को फर्नीचर का सारा काम आता था। हमारी खूबी थी कि हम क्रिएटिव काम करते थे। जब तक हम संतुष्ट नहीं होते हैं, तब तक प्रोडक्ट को फाइनल नहीं करते हैं। इसी वजह से लोगों को पसंद आने लगा। पहले तो भाई एलबी गुलाटी अकेले ही यह काम करते थे लेकिन अब उन्होंने एक पूरी रिसर्च विंग तैयार कर ली है। हमने 31 जनवरी 1999 को अपनी फैक्ट्री लगा दी।

सवाल : आपकी ताकत क्या है
जवाब : 
मेरी ताकत मेरा परिवार है। देश हो या कंपनी, सभी का आधार एकजुटता है। मैंने अपने परिवार को अपनी इंडस्ट्री का हिस्सा बनाया। मसलन, कंपनी के एमडी सर्वकाम गुलाटी को लीगल, रिसर्च में एलबी गुलाटी, इंटीरियर्स में बहुओं को कमान सौंप दी। परिवार के जिस सदस्य को इंडस्ट्री में जोड़ना होता है उसको पहले छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक की ट्रेनिंग दी जाती है और उसके बाद उसको टास्क दिया जाता है। जब वह टास्क पूरा कर लेता है तो उसको जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। इसका लाभ मुझको यह हुआ कि मेरी कंपनी का एक्सपेंशन आसान हो गया। मेरे तीन भतीजे हैं, उनको ट्रेनिंग देकर मैने कंपनी के बड़े पदों पर नियुक्त किया।

सवाल : चंडीगढ़ में बिजनेस की क्या संभावनाएं हैं
जवाब : 
चंडीगढ़ की बात ही निराली है। बिजनेस के लिए एक कॉरिडोर है। यहां व्यापार के लिए काफी संभावनाएं हैं। इसकी वजह है कि यहां से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और आसपास के राज्यों के लिए रास्ते खुलते हैं। इससे सप्लाई ठीक ढंग से हो जाती है। पंचकूला और चंडीगढ़ रहने और सुरक्षा के लिहाज बेहद शानदार जगह है।

सवाल : इंडस्ट्री में आपके लिए चैलेंज क्या हैं
जवाब :
 फर्नीचर इंडस्ट्री तेजी के साथ बढ़ रही है। इसमें चीन की इंडस्ट्री एक बड़ा खतरा बनी थी क्योंकि वहां से आने वाला फर्नीचर सस्ता होता है। लोग उसी को पसंद करते हैं जो कि टिकाऊ हो। इसके साथ ही स्थानीय इंडस्ट्री भी एक बड़ा चैलेंज है। इनसे निपटने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है कि आप अपनी क्वालिटी और रिसर्च पर काम करें। इसी के दम पर आगे निकला जा सकता है।

समाज के लिए प्रति आपका क्या योगदान है
जवाब : 
मैं और मेरा परिवार समाज को बदलने की एक छोटी सी कोशिश कर रहे हैं। मेरी इंडस्ट्री में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली महिलाओं को रोजगार दिया जाता है। इसके लिए हम उन्हें स्किल्ड बनाते हैं। हमारी इस छोटी सी कोशिश से झुग्गियों में रहने वाले परिवारों का रहन-सहन बदल रहा है।  हमारी कोशिश है कि हम अपने फर्नीचर स्टूडियो में भी युवा डिजाइनरों को रोजगार दें।

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