गंगा दशहरा पर गंदे नालों का पानी सीधे यमुना में पहुंचा, नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही हुई उजागर0
मथुरा। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर कार्यरत कर्मचारियों द्वारा वेतन न मिलने से क्षुब्ध होकर की जा रही काम बंद हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी रही। जिससे शहर के नालों का गंदा पानी सीधे यमुना में जा रहा है। जिससे दशहरा पर्व पर श्रद्धालुओं को दूषित पानी में ही स्नान करना पड़ा। निर्मल यमुना अविरल यमुना का दावा करने वाली सरकार के अधिकारियों की लापरवाही साफ दिखाई दी। जिसके कारण श्रद्धालु प्रशासन के अधिकारियों को कोसते हुए नजर आये।
हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि पिछले चार महीने से नगर निगम के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों को वेतन न मिलने से आक्रोशित होकर कई दिन पूर्व हड़ताल की चेतावनी दी थी, लेकिन कोई सुनवाई न होने पर तीन दिन पहले कामबंद हड़ताल शुरू कर दी। जिससे शहर के गंदे नालों का प्रदूषित पानी सीधा यमुना में गिरने लगा। इसके बावजूद अधिकारियों के कान पर जूं तक नही रेंगी और दशहरा पर्व पर हजारों श्रद्धालुओं को प्रदूषित जल में गोते लगाने पर मजबूर होना पड़ा। इसमें नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों की लापवाही स्पष्ट रूप से उजागर हुई कि वे गंगा यमुना को साफ सुथरा रखने के आदेशों को लेकर कितने जागरूक है। अगर निगमकर्मी वेतन को लेकर प्रदर्शन न करते तो पता भी न लगता कि श्रद्धालु दूषित पानी मे स्नान कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे आंदोलन जारी रखेंगे।
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