
नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा के पहले सत्र का शुक्रवार को पांचवां दिन है. शुक्रवार को संसद में तीन तलाक विधेयक पेश किया गया. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से 150 से ज्यादा बच्चों की मौत का मामला सदन में गूंजा. बच्चों में कुपोषण की समस्या को लेकर सदन में रखे गए सवालों पर महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी जवाब दे रही हैं. वहीं, बच्चों की मौत को लेकर राज्यसभा में 2 मिनट का मौन रखा गया.
दूसरी ओर, आज लोकसभा में तीन तलाक बिल को नए सिरे से पेश किया जा सकता है. लोकसभा से जुड़ी कार्यवाही सूची के मुताबिक ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019’ सदन में पेश किया जाएगा. पिछले महीने 16वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था. दरअसल, लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन (लोकसभा) के भंग होने पर वह विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है।
ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि – यह Article 14 और 15 का उल्लंघन है. अगर कोई गैर मुस्लिम पति होगा तो उसे 1 साल की सज़ा, मुस्लिम को 3 साल की सज़ा? 3 साल जेल में अगर पति चला जाएगा तो गुजारा भत्ता कौन देगा? (सरकार को) आपको मुस्लिम महिलाओंसे मोहब्बत है, केरल की हिन्दू महिलाओं से क्यो नहीं ?
तीन तलाक विधेयक के तहत जिस मुस्लिम महिला को तलाक दिया गया है, उसकी जानकारी के आधार पर मजिस्ट्रेट की इजाजत से अपराध को कठोर बनाया गया है. विधेयक में मजिस्ट्रेट द्वारा आरोपी को जमानत पर रिहा करने से पहले उस विवाहित मुस्लिम महिला की बात सुनने का प्रावधान किया गया है, जिसे तलाक दिया गया है.
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