तनावपूर्ण: डेरा अनुयायी अपनी मांग अड़े, अंतिम संस्कार से इनकार

नई दिल्ली। पंजाब के फरीदकोट जिले के कोटकपूरा कस्बे में तनावपूर्ण शांति है। यहां साल 2015 के बरगाड़ी बेअदबी मामले के मुख्य आरोपी महिंदर पाल सिंह बिट्टू के शव को नाम चरचा घर के अंदर रखा गया है। प्रेमी कहे जाने वाले डेरा अनुयायी सोमवार सुबह से ही नाभा जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी बिट्टू को श्रद्धांजलि देने के लिए कोटकपूरा में भारी संख्या में जुट रहे हैं।

बता दें डेरा अनुयायियों ने मांगें पूरी होने तक शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है. प्रशासन के साथ बातचीत चल रही है. उन्होंने मांग की है कि डेरा सदस्यों के खिलाफ सभी मामले वापस लिया जाए और ‘असली दोषियों’ को सलाखों के पीछे भेजा जाए. छत्तीस डेरा अनुयायियों को पुलिस द्वारा राज्य में बेअदबी के मामले में गिरफ्तार किया गया है.

बिट्टू के परिवार ने आरोप लगाया कि हत्या के पीछे “बड़ी साजिश” है. उनके बेटे अरमिंदर सिंह ने कहा कि बिट्टू को पहली बार 2018 में गिरफ्तार किए जाने पर फरीदकोट जेल में रखा गया था. बाद में उसे नाभा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन परिवार के सदस्यों के कहने के बाद उसे फिर फरीदकोट जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था.

प्रशासन लगा रहा एड़ी चोटी का जोर
किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए, प्रशासन एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है. कोटकपूरा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अर्धसैनिक बलों की दो कंपनियों- एक बीएसएफ और एक कमांडो बटालियन के साथ पुलिस बल कोटकपूरा और उसके आसपास तैनात किया गया है. कस्बे में सोमवार को फ्लैग मार्च भी किया गया.

स्थानीय प्रशासन की कोशिश है कि लोगों को समझा-बुझाकर शव का अंतिम संस्कार करवा दिया जाए. लेकिन डेरा सच्चा सौदा से जुड़े लोगों और मोहिंदरपाल बिट्टू के परिवार का कहना है कि पहले बिट्टू पर जो गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप लगे हैं, वो उस से हटाए जाएं और केस को खत्म किया जाए. उनकी यह भी मांग है कि अन्य डेरा सच्चा सौदा समर्थक, जो इस मामले में आरोपी हैं उन्हें भी बरी किया जाए.

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