नई दिल्ली | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने न्यूनतम वेतन में एकरूपता लाने और समान वेतन सुनिश्चित करने के मकसद से ‘वेतन संहिता विधेयक 2019′ को बुधवार को मंजूरी दे दी। इस बिल के इसी संसद सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। .
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सरकार की योजना पुराने कई श्रम कानूनों को सरल कर उनकी जगह सिर्फ चार कानून बनाने की है जिसमें वेतन संहिता अधिनियम पहला कानून होगा। इस बिल को पिछली लोकसभा में भी पेश किया गया था लेकिन, बाद में इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था। समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए नया विधेयक तैयार किया गया है।नए बिल में न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, वेतन भुगतान अधिनियम 1936, बोनस भुगतान अधिनियम-1965 और समान वेतन अधिनियम-1976 शामिल किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, न्यूनतम वेतन और समय पर वेतन भुगतान के लिए सेक्टर और वेतन की अधिकतम सीमा की श्रेणी को समाप्त कर दिया गया है। अब हर सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी, चाहें उनका वेतन कितना ही क्यों न हो, इस संहिता के दायरे में आएंगे। .
Leave a Reply