शोध में खुलासा: बूढ़े ही नहीं नौजवानों को भी पड़ रहा दिल का दौरा!

खुलासा: दिल की नसों में जमा हो रहा वसा

लखनऊ। आमतौर पर उम्रदराज लोगों को होने वाला हृदय रोग और दिल का दौरा अब नौजवानों को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। दिल को खून पहुंचाने वाली नसों में वसा जमने के कारण दिल का दौरा पड़ता है। बदलती लाइफ स्टाइल के कारण अब युवाओं में भी यह बीमारी बढ़ने लगी है। यह खुलासा केजीएमयू लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग के शोध में हुआ है। लारी कॉर्डियोलॉजी की इमरजेंसी में दिल का दौरान पड़ने के बाद भर्ती कराए गए 24 युवा मरीजों पर शोध हुआ है। इन युवाओं की उम्र 20 से 25 साल के बीच थी। छह माह शोध चला। लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. गौरव चौधरी और डॉ. शरद चन्द्रा के निर्देशन में शोध हुआ।

डॉ. गौरव चौधरी ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने के कई कारण होते है। इनमें दिल को खून पहुंचाने वाली नसों में खून का थक्का, वसा का जमना और नसों का फटना समेत दूसरे कारण होते हैं। इन कारणों से दिल को पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता है। नतीजतन दिल का दौरा पड़ता है। आमतौर पर नसों में वसा जमने की प्रक्रिया 30 साल की उम्र के बाद से शुरू होता है। यह प्रक्रिया 20 से 25 साल चलती है। यदि व्यक्ति ने संतुलित जीवन जीया तो दिल का दौरा पड़ने के खतरे को टाला भी जा सकता है। एंजियोग्राफी में खून का थक्का, वसा का जमाव की स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं होती है। ऐसी दशा में कई बार डॉक्टर स्टंट डाल देते हैं या फिर खून पतला करने की दवा देते हैं। इस दौरान मरीज को दिक्कत होती है तो दोबारा एंजियोग्राफी करनी पड़ती है।

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