बड़ी खबर: आयुष्मान भारत योजना में धोखाधड़ी, इतने अस्पतालों पर कार्रवाई !

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत में फर्जीवाड़े के फरवरी से लेकर अभी तक एक हजार मामले सामने आये हैं. इस धोखाधड़ी में शामिल 250 अस्पतालों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की हैं अब इन अस्‍पतालों से पैसों की रिकवरी की जा रही है. वहीं करीब 180 अस्पताल को कारण बताओ और सस्पेंशन नोटिस जारी किया गया है.

गाैरतलब है कि इस योजना के शुरु हुए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ कि धांधली की शिकायतें दर्ज होने लगी हैं. जानकारी के मुताबिक, अस्पतालों ने गलत तरीके से मुनाफे के चक्कर में सरकार को लगभग डेढ़ करोड़ का चूना लगा दिया है. ये सभी फर्जीवाड़े अलग-अलग तरह के हैं. जिसमें एक ही दिन में अस्पताल की क्षमता से अधिक मरीजों का इलाज किए जाने से लेकर मरीज से इलाज के पैसे वसूलना तक शामिल है. जबकि आयुष्मान भारत योजना के तहत भारत सरकार इलाज का खर्च वहन करती है.

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के डॉ. इंदू भूषण ने बताया कि जरूरत नहीं होने पर भी इन अस्पतालों ने पैसे ऐंठने के लिए मरीजों का इलाज किया. जिसमें ऑपरेशन भी शामिल है. इसके अलावा आईसीयू में मरीज को रखने की जरूरत नहीं होने पर भी मरीज को आईसीयू में भर्ती रखा गया. यहां तक कि कुछ अस्‍पतालों में मरीज और अस्‍पताल की मिलीभगत भी सामने आई है. नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट ने सभी मामलों की जांच शुरू की. जिसके बाद एक हजार धोखाधड़ी के मामले पकड़े गए हैं. इसके बाद 250 अस्पतालों पर करवाई हुई है.

इन राज्‍यों के 62 अस्‍पतालों को पैनल से हटाया
आयुष्‍मान योजना में फ्रॉड करने वाले 62 अस्‍पतालों को सरकार ने पैनल से ही बाहर कर दिया है. इनमें 39 महाराष्ट्र, 10 तमिलनाडु, 4 उत्तराखंड, 2 गुजरात, 2 असम, 2 झारखंड, 1 जम्मू कश्मीर और एक केरल का अस्‍पताल शामिल है.

जम्‍मू-कश्‍मीर से हुई सबसे ज्‍यादा रिकवरी
केंद्र सरकार ने फर्जीवाड़ा करने वाले कुछ राज्‍यों के अस्‍पतालों से पैसों की रिकवरी भी की है. सबसे ज्यादा रिकवरी जम्मू-कश्मीर से हुई. जहां 19 लाख 31 हजार 250 रुपये की रिकवरी की गई. वहीं उत्तराखंड से पैनल से हटाये गए चार अस्पतालों से 14 लाख 3 हजार रुपये की रिकवरी हुई. गुजरात में 7 लाख 80 हजार रुपये रिकवर किए गए हैं.

अभी तक केंद्र सरकार कर चुकी 5400 करोड़ रुपये खर्च
मालती जायसवाल, हेड, फ्रॉड कंट्रोल यूनिट ने बताया कि इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपए तक बीमारी के इलाज हर साल मिलेंगे. फिलहाल इस योजना के तहत देशभर में 9 करोड़ लाभार्थियों के आयुष्मान भारत कार्ड बन चुके हैं. जिसमें 34 लाख लोगों ने अपना इलाज इस योजना के तहत पैनल में शामिल 16050 स्पतालों में कराया है. अब तक इस योजना पर 5400 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.

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