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नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के सीक्रेट जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद अब खबर है कि वहां पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जाएगी। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इस पर फैसला ले लिया है। गृह मंत्रालय के इस फैसले पर पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष शाह फैसल ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि जम्मू में इस बात को लेकर अफवाह है कि घाटी में कुछ बड़ा होने वाला है।
शाह फैसल ने ट्वीट कर कहा, गृह मंत्रालय की ओर से कश्मीर में सीआरपीएफ के 100 अतिरक्त जवानों की कंपनी तैनात करना चिंता पैदा कर रहा है. इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की अफवाह है कि घाटी में कुछ बड़ा भयानक होने वाला है. क्या यह अनुच्छेद 35ए को लेकर है?
गौरतलब है कि शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था, जिसके मुताबिक घाटी में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाएंगी.
इस मामले में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी एक ट्वीट को रीट्वीट किया है. इस ट्वीट में लिखा है, ‘क्या सरकार यह स्पष्ट करेगी कि जब 35ए की बात चल रही है, तो जम्मू कश्मीर में सरकार अतिरक्त सुरक्षा बल भेजकर आग भड़काने का प्रयास कर रही है.’
क्या है आर्टिकल 35A?
35A भारतीय संविधान का वह अनुच्छेद है जो जम्मू-कश्मीर विधानसभा को लेकर प्रावधान करता है. यह राज्य को यह तय करने की शक्ति देता है कि जम्मू का स्थाई नागरिक कौन है? वैसे 1956 में बने जम्मू कश्मीर के संविधान में स्थायी नागरिकता को परिभाषित किया गया था.
यह आर्टिकल जम्मू-कश्मीर में ऐसे लोगों को कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने या उसका मालिक बनने से रोकता है जो वहां के स्थायी नागरिक नहीं हैं.
आर्टिकल 35A जम्मू-कश्मीर के अस्थाई नागरिकों को वहां सरकारी नौकरियों और सरकारी सहायता से भी वंचित करता है.
अनुच्छेद 35A के मुताबिक अगर जम्मू कश्मीर की कोई लड़की राज्य के बाहर के किसी लड़के से शादी कर लेती है तो उसके जम्मू की प्रॉपर्टी से जुड़े सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं. साथ जम्मू-कश्मीर की प्रॉपर्टी से जुड़े उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते हैं.
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