आश्रय सदन में बेसहारा महिलाएं भूखमरी के कगार पर

महिलाओं ने प्रदर्शन करके जताया विरोध
मथुरा। केंद्र सरकार द्वारा निर्मित और उप्र सरकार द्वारा वित्तीय सुविधा वाले महिला आश्रय सदन की व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई हैं। करीब एक साल से बजट न मिलने से यहां पर निराश्रित महिलाओं के लिए भोजन और अन्य सुविधाओं का टोटा पडऩे लगा है। निराश्रित महिलाओं ने प्रदर्शन भी किया।
नगला रामताल में केंद्रीय महिला कल्याण मंत्रालय ने एक हजार बैड की क्षमता वाले ‘कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदनÓ का निर्माण करवाया। पिछले वर्ष 31 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण किया था। इसके संचालन के लिए उप्र महिला कल्याण निगम को 72 लाख सालाना बजट देने का प्रावधान रखा गया था। शुरुआत में निगम ने 32 लाख रुपए आवंटित कर दिए। इसके बाद कोई बजट नहीं मिल पाया।
आश्रय सदन का संचालन बनारस की देवा फाउंडेशन को सौंपा गया। प्रदर्शन कर रहीं माताओं का आरोप है कि उन्हें न तो उचित भोजन ही मिल रहा है और न ही जरूरत की वस्तुएं। पिछले छह महीने से अभाव का जीवन गुजारना पड़ रहा है।
तीन महीनों से वेतन न मिलने पर कर्मचारियों ने पिछले सप्ताह हड़ताल शुरू कर दी थी। देवा फाउंडेशन ने दस दिन का वेतन देने के बाद कर्मचारियों को काम पर बुला लिया था।
देवा फाउंडेशन की प्रभारी शिल्पा ने कहा कि माताओं की हर जरूरत को पूरा किया जा रहा है। पिछले तीन दिन से ही फल नहीं दिए गए। जबकि पिछले एक साल में दस साडिय़ां हर माता को मिल चुकी हैं। आर्थिक संकट से जूझकर भी संस्था माताओं की सेवा में लगी है।
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लंबित है बजट

जिला प्रोबेशन अधिकारी अनुराग श्याम रस्तोगी ने बताया कि मुख्यालय स्तर पर फाइल पहुंच चुकी है। वहां से बजट का आवंटन नहीं हो पा रहा है।

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