महाराष्ट्र| गणेश उत्सव के अंतिम दिन गरुवार को प्रतिमा विसर्जन के दौरान 17 लोगों की डूबने से मौत हो गई. राज्य में ‘गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ’ के जयकारों के साथ गुरुवार को समूचे महाराष्ट्र में भगवान गणेश की प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया और इसके साथ ही 10 दिनों तक चलने वाला गणेश उत्सव ‘अनंत चतुदर्शी’ के अवसर पर संपन्न हो गया, लेकिन विसर्जन के दौरान लोगों के डूबने और लापता होने की घटनाओं ने कुछ जगहों पर माहौल को गमगीन कर दिया.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विसर्जन के दौरान कोकण में पांच, विदर्भ में छह, भंडारा में एक, वर्धा में एक, श्रीरामपुर में एक, कराड में एक और नांदेड में एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई. इसके अलावा विसर्जन के लिए गए करीब छह अन्य लोग लापता हैं और उनके भी डूबने की आशंका है. गणेश चतुर्थी के साथ दो सितंबर को गणपति उत्सव शुरू हुआ था.
प्रतिमा विसर्जन के लिए मुंबई महानगर,राज्य की सांस्कृतिक राजधानी पुणे के विभिन्न मंडलों और प्रदेश के अन्य हिस्सों में ढोल-ताशों के साथ श्रद्धालुओं ने पारंपरिक श्रद्धा एवं उल्लास के साथ झांकियां निकालीं. मुंबई में गिरगांव चौपाटी, शिवाजी पार्क, जुहू, वर्सोवा और मार्वे बीच तथा कई तालाबों सहित 129 स्थानों पर प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया. विसर्जन को लेकर पूरे शहर में 50,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किये गए थे. 5,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से भी झांकियों की निगरानी जा रही थी.
दिल्ली में भी विसर्जन के दौरान कई लोगों के डूबने की सूचना
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