एलएलएम की छात्रा द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों से घिरे चिन्मयानंद के शिक्षण संस्थान एसएस लॉ कॉलेज से पढ़कर निकलीं कुछ छात्राओं ने पिछले कुछ दिनों से चल रहे घटनाक्रम पर अफसोस जाहिर करते हुए बताया कि उनके समय में भी ऐसी कुछ बातें सुनी जाती थीं। अब उन्हें उनका मतलब समझ में आ रहा है। एक पूर्व छात्रा ने बताया कि इसीलिए उस वक्त छात्राओं से कहा जाता था कि स्वामी के सामने मत पड़ना। आज ये पूर्व छात्राएं शहर की प्रतिष्ठित वकील हैं। इन्होंने स्पष्ट शब्दों में स्वामी की हरकतों को गलत ठहराया है। कहा कि ऐसे व्यक्ति को जरूर सजा मिलनी चाहिए, ताकि लोग सबक ले सकें।
इरम फातिमा ने वर्ष 2018 में एसएस लॉ कॉलेज से एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण की। अब वह रजिस्ट्रेशन कराकर जजी कचहरी परिसर में वकालत कर रही हैं। उन्होंने छात्रा-स्वामी प्रकरण को लेकर बताया कि कभी-कभी कॉलेज स्टाफ के कुछ लोग कह दिया करते थे कि स्वामी के सामने मत पड़ना, पूछने पर हंसकर टाल देते थे, लेकिन अब समझ आ गया कि आखिर लोग इस तरह की बातें क्यों कर रहे थे। फातिमा का कहना है कि हालांकि उन्होंने स्वामी को कॉलेज में चीफ गेस्ट के रूप में आते देखा, लेकिन कॉलेज में स्वामी की ओर से और क्या चल रहा है, यह बातें उसके सामने नहीं आ पाईं थीं।
जजी कचहरी में वकालत कर रहीं रिचा सक्सेना ने एसएस लॉ क़ॉलेज से पहले बैच में 2006 में एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। वह चिन्मयानंद और छात्रा प्रकरण को लेकर व्यथित हैं। कहा कि पुराने दुष्कर्म के मामले में सरकार ने केस को वापस लेने की कोशिश की। इसलिए स्वामी का हौसला बढ़ गया और कॉलेज की छात्रा के साथ दुष्कर्म, शारीरिक शोषण किया। उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य पर आरोप लगाया कि जब से वह लॉ कालेज के प्राचार्य बनकर आए हैं, तब से कॉलेज का माहौल खराब हो गया है। घिनौने काम के लिए शिक्षा संस्थान को चुना यह तो और भी गलत है। उन्हें अफसोस है कि वह जिस कॉलेज से पढ़कर निकलीं, उसी कॉलेज प्रबंधक के खिलाफ लड़ना पड़ रहा है।
वर्ष 2013 में एसएस लॉ कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर वकील बनीं जाग्रति मिश्रा का कहना है कि जो कुछ भी हुआ वह गलत है। शिक्षण संस्थान का संचालन करने वाले स्वामी चिन्मयानंद के बारे में वैसे तो उसे जानकारी नहीं थी, क्योंकि कॉलेज में पढ़ने के दौरान उसका केवल और केवल पढ़ाई से मतलब रहता है। स्वामी चिन्मयानंद को उसने कॉलेज में होने वाले कार्यक्रमों में देखा। वैसे वह कभी नहीं दिखाई दिए। अब जो छात्रा आरोप लगा रही है, उससे लगता है कि छात्रा के साथ गलत हुआ है। वह पीड़ित के साथ हैं। वर्ष 2013 में वकालत की पढ़ाई पूरी करने वाली फारिया खान भी स्वामी के ऊपर लग रहे आरोपों को लेकर गंभीर है। उसका कहना है कि छात्रा के साथ गलत हुआ है।
शिवांगी सिंह भी जजी कचहरी में वकालत करतीं हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में एसएस लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई पूरी की। उसे स्वामी चिन्मयानंद ने कॉलेज में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में सम्मानित किया है। उसने कभी स्वामी के बारे में गलत नहीं सुना। उनका कॉलेज में कार्यक्रमों में ही आना-जाना होता था, शेष दिनों में नहीं। उनका सभी स्टूडेंट से सामान्य व्यवहार रहता था, लेकिन अब सामने जो बात निकलकर आ रही है, वह गलत है और गलत को गलत कहना गलत नहीं है। जिसने जो किया है, उसे उसकी सजा मिलनी चाहिए। एसआईटी जांच में दूध का दूध, पानी का पानी सामने आ जाएगा।
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