Ravan Dahan Muhurat 2019 रावण दहन का कार्यक्रम मुख्य तौर पर सूर्यास्त के बाद या रात्रि के समय ही होता है। रावण दहन प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र में करना श्रेष्ठ माना जाता है।
Ravan Dahan Muhurat 2019: लंकापति, लंकेश, दशानन, दसकंधर जैसे नामों से जाने जाने वाला रावण आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को भगवान श्रीराम के हाथों मारा गया था। आज दशहरा के दिन एक बार फिर बुराई पर अच्छाई की जीत होगी, भगवान राम के हाथों रावण का वध होगा, असत्य पर सत्य की विजय होगी। दशहरा के दिन देशभर में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाएंगे। रावण दहन के लिए भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है। आइए जानते हैं कि आज रावण दहन के लिए शुभ मुहूर्त क्या है।
रावण दहन का मुहूर्त
रावण दहन का कार्यक्रम मुख्य तौर पर सूर्यास्त के बाद या रात्रि के समय ही होता है। रावण दहन प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र में करना श्रेष्ठ माना जाता है। ऐसे में आज रावण दहन आप सूर्यास्त के बाद से रात 08 बजकर 30 मिनट तक कर सकते हैं।
विजय मुहूर्त
विजयादशमी या दशहरा के दिन विजय मुहूर्त या विजय काल का विशेष महत्व होता है। आज का विजय मुहूर्त दोपहर में 02:21 बजे से 03:08 बजे तक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यदि आप किसी कार्य में शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो विजय काल या विजय मुहूर्त में करें। विजय मुहूर्त में किया गया कार्य कभी निष्फल नहीं होता है, शर्त यह है कि वह कार्य सच्चे मन से पूरे मनोयोग से किया गया हो।
रावण दहन की अग्नि का महत्व
दशहरा के दिन रावण दहन करते समय रावण के पुतले से उठने वाली अग्नि का महत्व होता है। वह जिस दिशा में जाती है, उसका आने वाले समय में होने वाली घटनाओं या आगे के माह के भविष्य फल से संंबंध होता है।
पूर्व दिशा में जाने वाली अग्नि सुख-शांति, पश्चिम दिशा में अग्नि के जाने का अर्थ विरोध, तकरार आदि का संकेत है। वहीं दक्षिण दिशा में उठने वाली आग की लपटें अशुभ घटना का प्रतीक है, तो उत्तर दिशा में उठने वाली लपटें समृद्धि और विकास का प्रतीक हैं।
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