नई दिल्ली। सपा नेता आज़म खान को रविवार की देर रात मौलाना जौहर अली यूनिवर्सिटी कैंपस से गिरफ्तार होने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. ये खबर रामपुर में उन व्हाट्सएप ग्रुप में भी पहुंच गई, जिसमें रामपुर पुलिस से जुड़े तमाम आलाधिकारी जुड़े हुए थे. जब बात ज्यादा बिगड़ती दिखी तो एडीजी बरेली के आदेश पर रामपुर पुलिस को इस मामले में ट्विटर पर सफाई देनी पड़ी.
ऐसे फैली आजम खाने की गिरफ्तारी की खबर
रामपुर के सामाजिक कार्यकर्ता दानिश खान ने बताया, रामपुर में डिबेट ग्रुप के नाम से व्हाट्सएप पर एक ग्रुप चलता है. रात को अचानक से सपा नेता आज़म खाने की गिरफ्तार के मैसेज वायरल होने लगे. हालांकि ग्रुप में रामपुर से जुड़े पुलिस के कई सब-इंस्पेक्टर और दूसरी रैंक के लोग भी शामिल हैं. लेकिन मैसेज के संबंध में कहीं से भी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही थी.
एडीजी बरेली ने ऐसे लिए मैसेज पर संज्ञान
सामाजिक कार्यकर्ता दानिश खान ने रामपुर पुलिस के अधिकारियों से गिरफ्तारी संबंधी जानकारी कर सोशल मीडिया पर बताया कि ये सिर्फ एक अफवाह है. इस पर भरोसा न करें और न ही इसे आगे फॉरवर्ड करें. इसके बाद दानिश खान की ओर से एडीजी बरेली, आईजी बरेली और रामपुर पुलिस को ट्विटर पर इस तरह के मैसेज वायरल होने की जानकारी दी और इसके बारे में जानकारी चाही.
आजम की खबर को लेकर किया गया ट्वीट
दानिश खान के ट्वीट पर एडीजी बरेली ने रामपुर पुलिस को निर्देश दिए कि वह इस मामले की जांच करें और जो लोग भी झूठा मैसेज वायरल कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करें. इसके बाद रामपुर पुलिस तुरंत हरकत में आ गई. थाना कोतवाली में झूठा मैसेज वायरल करने के आरोप में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. साथ ही रामपुर पुलिस ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी की सपा नेता आज़म खान की गिरफ्तारी से जुड़ा कोई मामला नहीं है. ये एक झूठी सूचना है.
रामपुर पुलिस ने आजम खान की गिरफ्तारी का खंडन किया
इस बारे में गंज कोतवाली, रामपुर प्रभारी निरीक्षक रामवीर सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर आजम खान की गिरफ्तारी संबंधी झूठी सूचना फैलाने के आरोप में नामदज एफआईआर दर्ज की जा रही है. साथ ही आरोपी युवक के बारे में जांच की कराई जा रही है.
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