
शाहजहांपुर। स्वामी चिन्मयानंद केस में डीसीबी के चेयरमैन डीपीएस राठौर और बीजेपी नेता अजीत सिंह ने स्वामी चिन्मयानन्द से सवा करोड़ रुपए की मांग की थी। चिन्मयानन्द ने एसआईटी को इस बारे में पूछताछ के दौरान बताया भी था कि ये दोनों अंतिम समय तक वीडियो के बदले रुपए देने का दबाव बना रहे थे। वहीँ इस मामले में एसआईटी हाईकोर्ट में चार्जशीट लगाने की तैयारी कर ली है। एसआईटी ने इस मामले की जांच पूरी कर ली है और 4700 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है।
विशेष जांच दल (एसआईटी) प्रभारी नवीन अरोड़ा ने बताया डीसीबी चेयरमैन डीपी सिंह व अजीत सिंह को भी आरोपी बनाया गया है। आईपीसी की धारा 385 , 201 व 506 का आरोपित बनाया, लेकिन अभी इनकी गिरफ्तारी नहीं की गई है। आईजी ने बताया कि इन पर कार्रवाई हाईकोर्ट तय करेगा। मौजूदा समय में डीपीएस राठौर के बड़े भाई जेपीएस राठौर भाजपा की प्रदेश कमेटी में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और वह दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हैं।
पेन ड्राइव में मिले वीडियो
छात्रा ने भी अपने बयानों में कहा था कि जब राजस्थान के दौसा जिले से पुलिस ने उसे रिकवर किया था तो ये दोनों नेता भी वहां पर पहुंच गए थे। छात्रा ने इन पर पेन ड्राइव छीन कर ले जाने का आरोप लगाया था। अजीत सिंह ने एसआईटी को दिए अपने बयान में बताया था कि उसने पेन ड्राइव नष्ट कर दी है। लेकिन अभी तीन दिन पहले डीसीबी चेयरमैन से हुई पूछताछ में पता चला कि इनके पास वीडियो की कॉपी मौजूद है, जिसके लिए एसआईटी ने डीसीबी चेयरमैन का लैपटाप खंगाला था लेकिन लैपटॉप में वीडियो नहीं मिला। हालाँकि एक पेन ड्राइव में कॉपी किए हुए वीडियो मिले। इस आधार पर एसआईटी ने दोनों को आरोपी बनाया है।
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कल दाखिल होगी चार्जशीट
एसआईटी प्रभारी नवीन अरोड़ा ने बताया कि एसआईटी ने इस मामले में 4700 पन्ने की रिपोर्ट तैयार की है। मामले की विवेचना के दौरान 105 गवाहों के बयान लिए और प्राप्त साक्ष्यों की एफएसएल (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) से जांच कराई गई है। एसआईटी ने दोनों मुकदमों में चार्जशीट तैयार कर ली है। बुधवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। उन्होंने दो माह तक चली इस विवेचना में शामिल एसआईटी के सभी सदस्यों को बधाई भी दी।
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