
महाराष्ट्र में उलझी सत्ता की गुत्थी सुलझने का नाम ही नहीं ले रही है। भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच गठबंधन की राह देखने वालों को एनसीपी और कांग्रेस ने करारा झटका दिया है। अब महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की सरकार नहीं, बल्कि एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन की सरकार बनने वाली है! शिवसेना नेता संजय राऊत एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाक़ात करने पहुंचे। इस मुलाक़ात के लिए राजनीतिक गलियारों में कई कयास लगाए जा रहे हैं।
एनसीपी प्रमुख से मुलाक़ात के बाद शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा कि बैठक में राजनीतिक हालातों पर चर्चा हुई। हमने इस विषय पर लंबी चर्चा की। मुलाक़ात के पहले संजय राऊत ने भाजपा से गठबंधन के बारे में कहा था कि हम केवल उस प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे जिसे हमने विधानसभा चुनाव से पहले स्वीकार किया था। अब नए प्रस्तावों का आदान-प्रदान नहीं किया जाएगा। भाजपा और शिवसेना ने चुनावों से पहले सीएम के पद पर एक समझौता किया था और उसके बाद ही हम चुनाव के लिए गठबंधन के लिए आगे बढ़े।
बातचीत के लिए राजी बीजेपी
महाराष्ट्र की राजनीति में जारी गतिरोध के बीच यह भी कहा जा रहा था कि भाजपा, शिवसेना से बातचीत को तैयार है। वहीं शिवसेना का इस मुद्दे पर कहना है कि प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव से पहले ही सब कुछ तय हो गया था, लेकिन अभी तक उन्हीं बातों पर अमल नहीं किया गया। बीजेपी से सीएम पद के अलावा अभी किसी बात पर बातचीत नहीं होगी। शिवसेना अभी भी ढाई साल के मुख्यमंत्री वाले फॉर्मूले पर अटकी हुई है। वहीं राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने आज यहां कहा कि दीपावली की वजह से बातचीत नहीं हो पाई थी और यदि शिवसेना को हमारा प्रस्ताव नहीं मिला हो, तो हम उन्हें फिर से प्रस्ताव देते हैं। इसके साथ ही उन्होने आगे कहा कि प्रदेश में जल्द ही अच्छी खबर मिलने वाली है।
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