फरीदाबाद। फरीदाबाद में कांग्रेस पार्टी के लगातार कई दशकों तक जिलाध्यक्ष रहे व कांग्रेस के भीष्म पितामह कहे जाने वाले बीआर ओझा का सोमवार की सुबह निधन हो गया। वह करीब 85 साल के थे और उन्होंने अंतिम सांस सोमवार सुबह फरीदाबाद के फोर्टिस एस्कार्ट अस्पताल में ली। रविवार को तबीयत खराब हो जाने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ओझा के निधन से शोक की लहर दौड़ गई है। उनके कांग्रेस ही नहीं तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के बहुत करीबी संबंध रहे थे और उनके सभी से पारिवारिक रिश्ते थे। उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किए थे। सोमवार की सुबह उनके निधन का समाचार आया तो उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके सेक्टर-19 स्थित निवास पर लोगों का तांता लग गया।
भजनलाल, बंसीलाल, हुड्डा सभी खेमे में थी गहरी पैठ
गौरतलब है कि बी.आर. ओझा ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु, श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव के साथ-साथ श्रीमती सोनिया गांधी के साथ उन्होंने लगातार पार्टी में सक्रिय रूप से काम किया। वे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल व बंसीलाल के खासमखास माने जाते थे वहीं मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के पिता चौधरी दलवीर सिंह के साथ भी वह पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे। श्री ओझा पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता रणवीर हुड्डा को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। श्री ओझा ने कभी भी जात बिरादरी में विश्वास नहीं किया लगातार वह 50 साल ओल्ड फरीदाबाद वाली मस्जिद के प्रधान भी रहे। श्री ओझा के निधन पर सभी राजनीतिक दलों सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने गहरा शोक व्यक्त किया है तथा उनके निधन को फरीदाबाद शहर के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
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