
बेंगलूरु. महाराष्ट्र में सरकार के गठन करने में असमर्थ रही भाजपा के नेताओं के सुर अपनी लंबे समय की साथी पार्टी शिवसेना के प्रति बदल गए हैं। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि अब शिवसेना के अवसान के दिन शुरू हो गए हैं। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के सियासी अवसान की शुरुआत हो गई है। शिवसेना का भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठजोड़ था और जिससे मोदी के कारण उसे ज्यादा सीट मिली। जोशी ने कहा कि जिस पार्टी के पास ज्यादा विधायक होते हैं मुख्यमंत्री पद पर उसी का दावा बनता है लेकिन शिवसेना ने अव्यवहारिक मांग रख दी। इससे भी आगे बढ़कर शिवसेना अब कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिला रही है जिनकी तुष्टिकरण की नीतियों के खिलाफ बाल ठाकरे से संघर्ष किया था।
भाजपा की तानाशाही के कारण शिवसेना ने तोड़ा गठबंधन: कर्नाटक कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा के तानाशाही रवैयेे से तंग आकर ही शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ लिया है।
गुंडुराव ने मंगलवार को विजयपुर में संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठजोड़ के संबंध में पार्टी आलाकमान समुचित निर्णय करेगा।
उन्होंने कहा कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के अयोग्य विधायकों के केस का फैसला सुनाने के बाद ही कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उपचुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर पार्टी नेताओं के बीच कोई विवाद या तकरार नहीं है। बैठक में किसी भी नेता के बीच कोई टकराव नहीं हुआ है। उम्मीदवारों का चयन सर्व सम्मति से किया जाएगा।
केन्द्र सरकार ने राज्यपाल का दुरुपयोग किया: उग्रप्पा
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता व पूर्व सांसद वी.एस. उग्रप्पा ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के निर्णय के लिए केन्द्र सरकार की कड़ी भत्र्सना करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) ने महाराष्ट्र में तमाम लोकतांत्रिक सिद्धांतों को हवा में उड़ा दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र में गैर भाजपा सरकार को सत्ता में आने से रोकने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए उग्रप्पा ने कहा कि मोदी उस सरकार को स्वीकार करने के लिए तैयार ही नहीं है जिसमें भाजपा नहीं है।
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