इस बार पीएम मोदी नहीं कर सके प्रज्ञा ठाकुर को माफ, दिखाया बाहर का रास्ता

महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहना बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को महंगा पड़ा है. प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से हटा दिया गया है. इसके साथ ही इस सत्र में बीजेपी संसदीय दल की बैठकों में भी प्रज्ञा को नहीं आने का फरमान सुनाया गया है. बीजेपी के वर्किंग प्रेसिडेंट जेपी नड्डा ने कहा कि संसद में उनका बयान निंदनीय है. बीजेपी कभी भी इस तरह के बयान या विचारधारा का समर्थन नहीं करती.

हुआ क्या था?

प्रज्ञा ने बुधवार को लोकसभा में SPG संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान राष्ट्रपति महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था. कई सांसदों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी.

हालांकि यह पहली बार नहीं था जब प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त बताया हो. लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त बताया था. हालांकि बयान पर विवाद होने के बाद उन्होंने माफी मांग ली थी. उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह मन से प्रज्ञा को कभी माफ नहीं कर पाएंगे.

न्यूज 24 के साथ इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा था,

“गांधीजी या गोडसे के संदर्भ में जो भी बातें कही गई हैं. या इस प्रकार के जो भी बयान दिए गए हैं, ये भयंकर खराब है. हर प्रकार से घृणा के लायक है. आलोचना के लायक है. सभ्य समाज के अंदर इस तरह की भाषा नहीं चलती. इस प्रकार की सोच नहीं चल सकती है. इसलिए ऐसा कहने वालों को 100 बार आगे सोचना पड़ेगा. दूसरा उन्होंने माफी मांग ली ये अलग बात है. लेकिन मैं अपने मन से माफ नहीं कर पाऊंगा. मन से माफ नहीं कर पाऊंगा.”

लोकसभा के चुनाव हुए और प्रज्ञा ने कांग्रेस के सीनियर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हराकर चुनाव जीत लिया. लेकिन प्रज्ञा के खिलाफ उस वक्त कोई कार्रवाई नहीं हुई. हाल ही में प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति के मेंबर के तौर पर नॉमिनेट किया गया था. प्रज्ञा ठाकुर 2008 मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी हैं.

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