महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार में राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार ने विभागों के बटवारें से पहले ही इस्तीफा दे दिया है। वे शिवसेना कोटे से मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे। सूत्रों के अनुसार, उनका इस्तीफा अभी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को नहीं मिला है। बता दें कि शिवसेना के कई वरिष्ठ नेता सत्तार के मंत्री बनाए जाने से नाखुश थे।
अब्दुल सत्तार ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को न भेजकर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को भेजा है। जिसके बाद शिवसेना के कई अन्य नेताओं ने उन्हें अपने फैसले पर पुर्नविचार करने क लिए कहा है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, सत्तार अपने फैसले पर कायम हैं।
शिवसेना ने महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय को साधने के लिए अब्दुल सत्तार को अपने कोटे से मंत्री बनाया था। हालांकि उसके इस फैसले की जमकर आलोचना भी हुई। उद्धव सरकार में हाल में ही 36 नए मंत्रियों ने शपथ ली थी, जिनमें एक उपमुख्यमंत्री, 25 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री शामिल हैं।
2014 के बाद पहली बार चार मुस्लिम बने मंत्री
साल 2014 के बाद पहली बार मंत्रिमंडल में चार मुस्लिम चेहरे शामिल हुए हैं। इनमें शिवसेना के अब्दुल सत्तार नबी को राज्य मंत्री जबकि एनसीपी के नवाब मलिक और हसन मुशरीफ और कांग्रेस के असलम शेख को कैबिनेट स्तर का पद दिया गया है।
मंत्रालयों के बटवारे पर एनसीपी ने दी प्रतिक्रिया
विभागों के बंटवारे में हो रही देरी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने स्थिति साफ की है। मलिक का कहना है कि नए विभाग बनाने का काम चल रहा है जिसके कारण उसके बंटवारे में देरी हो रही है।
नवाब मलिक ने कहा, ‘विभागों के बंटवारे में हो रही देरी किसी कारण की वजह से नहीं हो रही है बल्कि इसलिए हो रही है क्योंकि हम नए विभाग बनाने पर विचार कर रहे हैं। जिसमें समय लग रहा है। सोमवार तक सभी मंत्रियों के विभाग का आवंटन हो जाएगा।’ बता दें कि 30 दिसंबर को महराष्ट्र में 36 मंत्रियों ने शपथ ली थी जिसके बाद विभाग आवंटन में हो रही देरी को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
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