लॉकडाउन का पालन करवा रहे पुलिसकर्मी की अंगुली काटकर लहूलुहान करने, उस पर थूकने एवं मारपीट कर जान से मारने का प्रयास करने वाले दो आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। नसीराबाद थाना पुलिस ने दोनों आरोपितों जावेद और आशिक को 17 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने दोनों को एक मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। आरोपितों ने जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत याचिका लगाई थी।
लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हिना परिहार ने जमानत देने से इन्कार कर दिया। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि ये लोग कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन की स्थिति में न केवल खुद के जीवन को खतरे में डाल रहे थे बल्कि अन्य लोगों के जीवन पर संकट उत्पन्न कर रहे थे।
घटनाक्रम के मुताबिक, नसीराबाद इलाके में लॉकडाउन का पालन करवा रहे पुलिसकर्मी जगदीश ने 17 अप्रैल को जावेद और आशिक को बिना मास्क लगाए तेजी से बाइक चलाते हुए देखा और उन्हें रोक लिया। जगदीश ने आरोपितों से घूमने की वजह पूछी तो जवाब देने की बजाय दोनों ने आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी से गाली-गलौज की। दोनों ने उसका डंडा छीनकर न केवल उसकी अंगुली में काट लिया बल्कि उसकी गर्दन पर भी काटा और उस पर थूकना शुरू कर दिया। जगदीश लहूलुहान हो गया।
आसपास मौजूद लोगों ने पुलिसकर्मी को बचाया और मिलकर आरोपितों को पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपितों पर राजकार्य में बाधा डालने और पुलिसकर्मी को जान से मारने का प्रयास करने की धाराओं सहित कई अन्य मामलों में केस दर्ज किया और गिरफ्तार कर लिया था।
गौरतलब है कि राजस्थान में कोरोना से मरने वालों की संख्या 36 हो गई है। रविवार को एक महिला की जोधपुर में मौत हुई। प्रदेश में रविवार को 69 नये केस सामने आए। इस तरह प्रदेश में अब तक 2152 संक्रमित मामले सामने आए हैं। राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने दावा किया कि 14 अप्रैल के बाद कोरोना संक्रमण फैलने के हालात पर काबू पाया गया है।
Leave a Reply