लंदन। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए दुनिया भर में सामाजिक दूरी बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन एक अध्ययन (study) के अनुसार छह फुट की सामाजिक दूरी बनाने के मौजूदा दिशा-निर्देश अपर्याप्त साबित हो सकते हैं। एक अध्ययन में कहा गया है कि धीमी गति से चलने वाली हवा में हल्की खांसी से मुंह की लार के छीटें 18 फुट की दूरी तक फैल सकते हैं।
साइप्रस में निकोसिया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि प्रति घंटे चार किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली मद्धिम हवा के साथ खांसने पर मुंह की लार के छीटें पांच सेकंड में 18 फुट की दूरी तक फैल सकते हैं। अध्ययन के सह-लेखक दिमित्री द्रिकाकिस ने कहा, ‘ये सुक्ष्म बूंदें अलग-अलग कद काठी के वयस्कों और बच्चों को प्रभावित करेगी।’ वैज्ञानिकों के अनुसार अगर छोटी कद काठी के वयस्क और बच्चे लार की सुक्ष्म बूंदें गिरने के दायरे के भीतर आते हैं तो उन्हें अधिक खतरा हैं
मुंह की लार के छीटें फैल सकते हैं 18 फुट की दूरी तक
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के फैलने की अहम वजह लोगों का आपस में मिलना माना जाता रहा है और इसके लिए उचित दूरी बनाए रखने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग की बात कही जाती रही है। ऐसे में लोगों से कम से कम छह फुट की दूरी बनाए रखने को कहा जाता रहा है, मगर अब एक नए अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सिर्फ इतनी दूरी बनाए रखना पर्याप्त नहीं है, बल्कि धीमी गति से चलने वाली हवा में हल्की खांसी से मुंह की लार के छीटें 18 फुट की दूरी तक फैल सकते हैं. ऐसे में कोरोना का संक्रमण फैलने की आशंका है।
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