नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अपनी पार्टी के लिए बिहार में पहली वर्चुअल रैली ‘बिहार जनसंवाद’ को संबोधित किया. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि आपातकाल के दौरान बिहार की जनता ने ही लोकतंत्र को स्थापित करने का काम किया है. इस मंच के जरिए आरजेडी (RJD) पर तंज कसते हुए शाह ने कहा, ‘आजादी के 60 सालों के बाद भी लोगों के घरों में बिजली नहीं थी. उन्हें लालटेन जलाना पड़ता था. लेकिन अब लालटेन का जमाना जा चुका है और एलईडी बल्ब (LED Bulb) का जमाना आ गया है.’
चुनाव से नहीं है कोई संबंध
अमित शाह ने कहा, ‘कुछ लोगों ने इस रैली को बिहार की चुनावी सभा कहा. मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है.’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘आने वाले समय में बिहार में चुनाव है. हमारा यकीन है कि नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में दो तिहाई बहुमत से एनडीए जीत दर्ज करेगी. लेकिन ये समय राजनीति का नहीं कोरोना से लड़ने का है. इसलिए हमें एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़नी है.’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो भी विकसित राज्य हैं उन सभी की नींव में बिहार के मजदूर का पसीना पड़ा है. साथ ही विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं विपक्ष को पूछना चाहता हूं कि आपने क्या किया? आप थे कहां? हमने लोगों को ट्रेन से पहुंचाया, खाना दिया, क्वारंटाइन सेंटर तक पहुंचाया वहां सुविधाएं दी गईं.
तेजस्वी ने किया था शाह की रैली का विरोध
अमित शाह की वर्चुअल रैली से पहले आरजेडी नेता राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप ने पार्टी कार्यकर्ताओं संग थाली बजाकर इसका विरोध किया था. इस दौरान आरजेडी ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी प्रवासी मजदूरों के हालातों को सुधारने के बजाय चुनाव पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है. आरजेडी के कार्यकर्ता विभिन्न जिलों में इस तरह का विरोध दर्ज करा रहे हैं, इससे पहले बिहार के लखीसराय में भी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता थाली बजाकर अमित शाह की रैली का विरोध दर्ज करवा चुके हैं.
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