कोरोना का कहर: सरकार को जनता ने कर दिया है मजबूर, फिर लगने वाला है लॉकडाउन ?

लॉकडाउन क्या फिर लग सकता है? क्या ढील ख़त्म की जा सकती है? ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब हर कोई जानना चाहता है. पर तस्वीर साफ़ नहीं हो पा रही, बल्कि और धुंधली हो जाती है जब लोग महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ये चेतावनी सुनते हैं कि लॉकडाउन फिर सख़्त करना पड़ सकता है, जब राजस्थान अपनी सीमा सील कर देता है, जब कई राज्य लॉकडाउन बढ़ा देते हैं.

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दरअसल उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मुंबई में कहा, “अगर लोग पाबंदियों का पालन करने में नाकाम रहे तो राज्य में लॉकडाउन जारी रखना पड़ सकता है.” वैसे महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ाने का एलान किया हुआ है. इनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, मिज़ोरम जैसे राज्य शामिल हैं.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी चौथे चरण के लॉकडाउन की समाप्ति से एक दिन पहले 30 मई को देश के कंटेनमेंट ज़ोन में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन साथ ही कहा था कि इस चरण में ध्यान अनलॉक पर होगा जिसमें कंटेनमेंट ज़ोन से बाहर के क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीक़े से दोबारा खोलने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए थे.

1 जून से लागू हुए अनलॉक-1 के 11 दिनों के दौरान देश में कोरोना वायरस जिस तेजी से फैला है, उसको देखते हुए लोग एक बार फिर से लॉकडाउन की जरूरत महसूस करने लगे हैं. 31 मई को 1 लाख 90 हजार केस थे और खबर लिखे जाने तक 2 लाख 86 हजार से भी ज्यादा केस. इस दौरान संक्रमितों और मौत के आंकड़े लगातार रिकॉर्ड तोड़ते रहे हैं. ऐसे में कई राज्यों ने ऐसे संकेत दिए हैं, जिनके मद्देनजर ये माना जा सकता है कि सरकार एक बार और लॉकडाउन लगाने के लिए मजबूर हो सकती है.

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अब एक ओर जहाँ देश में कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं, राज्यों की ओर से या तो सख़्त फ़ैसले लिए जा रहे हैं या ऐसी चेतावनी दी जा रही है. ऐसी स्थिति में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि क्या लॉकडाउन फिर सख़्त हो सकता है. लेकिन ये बढ़ेगा या नहीं, सख़्त होगा या नहीं, इसके बारे में अभी केवल एक ही बात निश्चित है – कि इस सवाल का जवाब अनिश्चित है.

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