
संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। स्ट्राइक वन की ओर से मथुरा छावनी में आयोजित 73वें सेना दिवस समारोह में स्ट्राइक वन के कमांडिग आफीसर लेफ्टिनेंट जनरल सी पी करियप्पा ने सभी पदों की ओर से राष्ट्रीेय सुरक्षा और सम्मान के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद भारतीय सैनिकों को मथुरा छावनी स्थित युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
पुष्पांजलि समारोह का आयोजन पारंपरिक सैन्य बिगुल कॉल लास्ट पोस्ट के साथ किया गया । राष्ट्र की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया। समारोह के बाद जनरल ऑफिसर कमांडिग स्ट्राइक वन ने मथुरा के सेवानिवृत सैनिकों से भी बातचीत कर कुशलक्षेम पूछा।
गौरतलब है कि भारतीय सेना की स्थापना लगभग 125 वर्ष पहले 01 अप्रैल 1895 को अंगेजो द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी अंतर्गत की गयी थी, जिसे उस समय ब्रिटिश भारतीय सेना के नाम से जाना जाता था। भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की। उस समय भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर के हाथों में थी।
सेना का पूर्ण नियंत्रण सौंपने का सही समय देखकर उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना की कमान फील्ड मार्शल तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरलद्ध के एम करियप्पा को सांैप दी। जनरल केएम करियप्पा स्वतंत्र भारत के प्रथम कमांडर इन चीफ ऑफ आर्मी बने। ब्रिटिश शासन द्वारा भारत को भारतीय सेना का हस्तांतरण भारतीय इतिहास का एक प्रमुख क्षण माना जाता है। इस प्रकार से कमांडर के रुप में भारतीय सेना का पदभार संभालने पर हर साल15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।
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