
महेश वाष्र्णेय
यूनिक समय, मथुरा। एक फरवरी को आ रहे आम बजट को लेकर चर्चाएं शुरु हो गई है, लेकिन बजट से पहले ही लोगों को बाजार में महंगाई की धमक का अहसास शुरु हो गया है। लोगों की जुबान पर यह आ गया है कि महंगाई डायन अभी से डरा रही है तो बजट के बाद क्या होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वर्ष 2021-22 का आम बजट लोकसभा में पेश करेंगी। बजट को लेकर तैयारियां शुरु हो गई हैं। देश के लोगों की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से निकलने वाली बातों पर लगी हैं। वह अपने भाषणों से जनता पर कौन सा बोझ बढ़ाने की घोषणा करेंगी और कौन से भाषण से बोझ कम करेंगी।
वैसे देखा जाए तो महंगाई डायन का असर घर की रसोई में काम आने वाले गैस सिलेंडर पर साफ दिखाई दे गया। एक महीने में 100 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गए। कंपनियों ने बड़ी चालाकी से 50-50 रुपये का इजाफा कर महंगाई का बोझ बढ़ा दिया। हैरत की बात तो यह रही कि किसान आंदोलन के चक्कर में महंगाई डायन के खिलाफ किसी ने आवाज तक नहीं उठाई।
अब, बाजार में दाल-साग के छौंक लगाने में काम आने वाले सरसों के तेल और रिफाइंड ऑयल की कीमत भी उछाल मारने लगी। पिछले छह माह कीमतों को देख लो और अब की कीमत पर नजर दौड़ा लो तो महंगाई डायन का असर साफ दिखाई पड़ जाएगा। खुदरा व्यापारियों की मानें तो सरसों के तेल की कीमत पहले 85-90 रुपये किलो थी और करीब 140 रुपये पहुंच गई है। इसी क्रम में रिफाइंड ऑयल की कीमत भी उछाल मारती दिखाई दे रही हैं। सब्जियों में छौंक लगाने के लिए प्रयोग में ली जाने वाली लाल मिर्च भी अब आंखें दिखाने लगी है। अब बाजार इसकी कीमत 240 रुपये किलो पहुंच गई।
कुछ दिनों पहले 200 रुपये किलो के आसपास कीमत थी। महंगाई डायन भी आटे की कीमत पर भी झपट्टा मारती दिखाई दे रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी इजाफा हो गया है। इसी बात से अंंदाज लगाया जा सकता है कि बजट से पहले महंगाई लोगों की जेब को खाली कराने की तैयारी में है।
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