रवि ठाकुर
यूनिक समय, मथुरा। उफ… यह तो नया पुल बना था। हालात ऐसी कैसे हो गई। यमुना पर बनाए गए नए पुल से गुजरने वाले लोगों की जुबान से ऐसी बात सुनने को मिलती है। चाहे वह बस में बैठे हो, या निजी वाहन में। 60 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल को देखकर भ्रष्टाचार के खेल का नतीजा है।
ऐसा नहीं कि यमुना पुल की सड़क पर पहली बार सरिया निकलकर बाहर दिखाई दे रही हैं। ऐसा पहले भी दिखाई दी, पर लीपापोती करने का प्रयास किया गया। क्षेत्र के लोगों को नए डीएम नवनीत सिंह चहल से उम्मीद है कि वह करीब तीन साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उदघाटन किए गए इस पुल के निर्माण में की गई घटिया सामग्री की जांच कराएंगे।
शहर के कृष्णा पुरी से लक्ष्मी नगर को जोड़ने वाले नए पुल से गुजरने वाले वाहन चालकों को हमेशा हादसे का खतरा दिखाई देता है। ऑटो चालक रोहित चौधरी ने बताया है पुल निर्माण के बना है 6 महीने बाद ही हालत खराब होने लगी है। जब देखो नई सड़क में गड्ढ़े दिखाई दे जाते हैं। सरिया बाहर आ जाती है। कई एक्सीडेंट भी हो चुके हैं और उसमें लोग घायल भी हो चुके हैं। राहगीर संता सैनी का कहना है कि तीन साल पहले पुल चालू होने के बाद कई बार जर्जरता की कहानी सुना चुका है।
Leave a Reply