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नई दिल्ली। देश में इन दिनों फर्जी कॉल और टेक्स मैजेस भेजकर ठगी का धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है, लेकिन ऐसे अपराध को अंजाम देने वालों की अब खैर नहीं हैै। केंद्र सरकार ऐसे जालसाजी के मामलों पर लगाम लगाने के लिए योजना बना रही है. इस बात की जानकारी केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने दी है। सरकार के मुताबिक, ऐसे फर्जी कॉल और मैसेज भेजने वालों के लिए एक डेटा इंटेलिजेंस प्लैटफॉर्म तैयार किया जा रहा है। इससे कानून लागू करवाने वाली एजेंसी, बैंक और सर्विस देने वाली ऐजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने में मदद मिलेगी।
सोमवार को उपभोक्ता की बढ़ती शिकायतों को हल करने के लिए एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे. बैठक में मौजूद अधिकारियों ने सरकार को अनचाहे टेक्स्ट मैसेज और कॉलिंग से हो रही वित्तीय धोखाधड़ी की जानकारी दी। बता दें कि देश भर में इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जहां लोगों को कॉल कर उनसे पासवर्ड और बैंक खाते की जानकारी मांगी जाती है। बातचीत के दौरान ही लोगों को लाखों रुपये का चूना लग जाता है।
दो शहरों में फर्जी कॉल का धंधा
कहा जा रहा है कि सरकार को ऐसी जानकारी मिली है कि फर्जी कॉल का धंधा मुख्यतौर पर देश के दो शहरों से चलाया जा रहा है। ये है हरियाणा में मेवात और झारखंड में जामताड़ा। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इन दो शहरों में टेलीकॉम सेवाओं पर बंद करने को लेकर विचार किया जा रहा है। जामताड़ा में साइबर ठगों का जाल बिछा है। बता दें कि 2020 में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी और सांसद परणीत कौर के साथ 23 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया था। इसके तार भी जामताड़ा से जुड़े हुए थे।
सरकार का प्लान
सरकारी सूत्रों के मुताबिक डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट एक नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी। मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘DIU अलग-अलग LEAs (कानून प्रवर्तन एजेंसियों), वित्तीय संस्थानों, और दूरसंचार संसाधनों से जुड़े किसी भी धोखाधड़ी गतिविधि की जांच में दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी।
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