प्रमुख संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। घरेलू गैस सिलेंडर पर 25 रुपये की वृद्धि होने से गृहणियां कहने लगी कि क्या होगा। रसोई गैस सिलेंडर की कीमत क्या आसमान छुुएंगी। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि आम बात हो गई है। फरवरी माह में 12 बार वृद्धि हो चुकी है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि होने का मतलब अब माल भाड़ा और बस किराये में वृद्धि होने का संकेत है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आम वस्तुओं पर महंगाई का कोई संकेत नहीं दिया था। अब लोग एक फरवरी के आम बजट को भूले नहीं किए, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि से हाहाकार होने लगा। जनता के गुस्से की बात सरकार के कानों तक पहुंची नहीं या नहीं घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 25 रुपये का इजाफा हो गया। बढ़ती कीमतों से साफ नजर आ रहा है कि माल भाड़ा और बसों में किराया बढ़ना लाजिमी है। दो-चार में इसका असर दिखाई देने लग जाएगा। सरकार ने टे्रनों का किराया बढ़ाने के संकेत दे दिए हैं। यह बात सामने आ रही है कि कम दूरी का किराया बढ़ाया जाएगा। माल लाने वाले ट्रकों का भाड़ा बढ़ेगा तो आम वस्तुओं की कीमत भी बढ़ेगी।
कांग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर कहते हैं कि ऐसा लगता है कि केंद्र और प्रदेश की सरकार को महंगाई से कोई मतलब नहीं है।
महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। महंगाई से मध्यम वर्ग की जनता परेशान हो गई है। रालोद के प्रदेश उपाध्यक्ष कुंवर नरेंद्र सिंह का मानना है कि देश की आर्थिक स्थिति डावाडोल है। बढ़ती महंगाई इस बात की ओर इशारा कर रही है। यदि सरकार ने महंगाई पर काबू पाने के लिए प्रयास नहीं किए गए देश की हालात बद से बदतर हो जाएंगे। गृहणी साधना अग्रवाल बोलीं..पहले घरेलू गैस सिलेंडर पर सब्सिडी मिलती है, अब सब्सिडी खत्म हो गई तो सिलेंडर 800 रुपये का हो गया। पूनम गुप्ता कहती है कि रसोई का बजट बिगड़ रहा है। लग रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रसोई के बारे में जानती नहीं हैं। सरसों के तेल और दालों की कीमत भी बढ़ गई हैं।
Leave a Reply