
नई दिल्ली। पिछले एक साल में कोरोना वायरस महामारी के दौरान स्मार्टफोन का इस्तेमाल काफी बढ़ा है। महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम, स्कूल और मनोरंजन के लिए लोग स्मार्टफोन, मोबाइल, टीवी और लैपटॉप का इस्तेमाल पहले की तुलना में कई गुना ज्यादा कर रहे है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इंडियन टेक्नोलॉजी रिसर्च फर्म सीएमएस (CMS) की ओर से कंडक्ट की गई एक रिसर्च में यह पाया गया है कि 2019 में जो लोग दिनभर में 4.9 घंटे स्क्रीन पर बिताते थे वे इस साल मार्च तक 5.5 घंटे बिता रहे हैं। हालांकि जिन लोगों का डेस्क जॉब है उन्हें तो 10 से 12 घंटे तक स्क्रीन के सामने लगातार काम करना पड़ रहा है जिसका असर लोगों की सेहत पर किसी ना किसी रूप में पड़ रहा है।
आंखों के अलावा स्किन को भी कर रहा प्रभावित
अब तक स्क्रीन के साइड इफेक्ट्स के रूप में हम ये सुनते आए थे कि इसके अत्यधिक प्रयोग से आंखों से पानी आना, सिर में दर्द, बैक पेन आदि की पेरशानी बढ़ती है लेकिन क्या आपको पता है कि यह आपकी स्किन के लिए भी कितना हानिकारक है? जी हां, दरअसल इससे निकलने वाली ब्लू लाइट की वजह से आपके चेहरे पर पिगमेंटेशन, एजिंग जैसी कई समस्याएं तेजी से बढ़ने लगतीं हैं।
क्या कहना है डॉक्टरों का
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान जाने माने कॉस्मेटिक सर्जन डॉ करिश्मा कागोडू ने बताया कि दरअसल स्मार्ट फोन, टैबलेट, टीवी, एलसीडी स्क्रीन, एलइडी बल्ब आदि से निकलने वाली ब्लू लाइट्स अथवा हाई एनर्जी विजिबल लाइट्स में हाई फ्रिक्वेंसी होती है और शॉटवेव लेंथ लाइट्स में वायलेट/ ब्लू रेज निकलते हैं। ये स्किन पर पिग्मेंटेशन, टैनिंग और एजिंग का कारण बनती हैं. यही नहीं, नए स्मार्ट फोन्स में ब्लू लाइट का फ्रिक्वेंसी अधिक होता है जिससे बॉडी सेल्स का फोटो सेंसिटिविटी भी बढ़ जाता है।
त्वचा के लिए कितना हानिकारक
त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप तीन घंटे लगातार इस ब्लू लाइट के सामने एक्सपोस्ड रहते हैं तो इसका असर उतना ही है जितना कि बिना किसी सनस्क्रीन का प्रयोग किए लगातार एक घंटे धूप में खड़े रहना.
यह स्किन के नेचुरल एजिंग स्पीड को बढ़ा देता है और उम्र से पहले ही चेहरे पर रिंकल आने लगते हैं.
यह स्किन कॉलिजन को डैमेज कर देता है जिससे चेहरे पर हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या शुरू हो जाती है.
क्या है उपाय
अपने मोबाइल, लैपटॉप आदि पर ब्लू लाइट शील्ड लगाएं।
डार्क मोड या नाइट मोड का अधिक से अधिक प्रयोग करें।
जिंक ऑक्साइड और टिटेनियम डाई ऑक्साइड वाले सनस्क्रीन का घर में भी प्रयोग करें.
गाजर के बीज का तेल का प्रयोग स्किन केयर रुटीन में शामिल करें।
विटामिन सी सीरम का प्रयोग करें।
अधिक से अधिक पानी पिएं।
एंटीऑक्सीडेंट फूड को अपने भोजन में अधिक से अधिक सेवन करें।
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