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स्वास्थ्य संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। शासन ने कोविड-19 मरीजो के लिए नई डिस्चार्ज पॉलिसी बनाई है। यह पॉलिसी शासन ने सीएमओ डॉ रचना गुप्ता को भेजी है।
स्वास्थ्य विभाग के जारी परिपत्र के अनुसार लक्षण विहीन होने पर सभी प्रकार के रोगियों को अस्पताल से डिस्चार्ज करते हुए होम आइसोलेशन में रखने की प्लानिंग बनाई गई है। ऐसी व्यवस्था होने से गंभीर रोगियों को कोविड अस्पताल में आसानी से बैड उपलब्ध कराकर उनके प्राणों की रक्षा की जा सकेगी।
कोविड से ग्रसित लक्षणविहीन रोगी को होम आइसोलेट करने से पहले उसके घर की जांच होगी। रैपिड रिस्पांस टीम घर पर जाकर होम आइसोलेशन की सारी पात्रता की जांच करेगी। हल्के रोगी को घर के अलग कमरे और शौचालय की व्यवस्था होने पर रखा जा सकता है।
आमतौर पर कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अकेले ही आइसोलेट किया जाता है, लेकिन किसी परिवार में एक साथ अनेक लोग संक्रमित हो गए तो ऐसे में सभी एक कक्ष में रह सकते हैं।
संक्रमित व्यक्ति में लक्षण नहीं दिख रहे हैं तो उसे होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है, पर रोगी के घर में अलग कमरा और शौचालय न होने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया जायेगा , उसे एल-1 में रखा जाएगा। इस बीच स्वास्थ्य कर्मी रोगी का तापमान, श्वसन दर, आक्सीजन सेचुरेशन दिन में तीन बार नापेंगे। ऐसे मरीज को प्रारंभिक जांच के दसवें दिन या भर्ती होने के सातवें दिन बिना जांच के डिस्चार्ज किया जाएगा। रोगी को उसके घर में होम आइसोलेशन में सात दिन रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग ने मध्यम तीव्रता श्रेणी में उन मरीजों को रखा है, जिनमें लोअर रेस्पिरेट्री टै्रक्ट इंफेक्शन के लक्षण हो। खांसी, बुखार के साथ सांस लेने में दिक्कत, नेजल फ्लेयरिंग, पसली चलना, तेज सांस की परेशानी वाले मरीजों को एल-2 या एल-3 में भर्ती किया जाएगा।
दो लैब ही जांच कर रही हैं आरटीपीसीआर की
यूनिक समय, मथुरा। सीएमओ डा. रचना गुप्ता ने कहा है कि जिले में लाल पैथ प्राइवेट लिमिटेड एवं के एम मेडिकल कॉलेज में ही कोविड-19 की आरटीपीसीआर जांच की जा रही है। दोनों लैबों के अलावा कोई भी लैब कोविड-19 की आरटी पीसीआर जांच नहीं कर रही है।
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