
राजनीतिक संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। 29 अप्रेल का दिन जिले के लिए काफी अहम है। कल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान होना है। गांव की सरकार से लेकर जिले की सरकार का फैसला हो जाएगा। इस बार सरकार की कमान किसके हाथ में होगी। गांव और क्षेत्र स्तर पर तो मुकाबला लोकल स्तर पर हो रहा है किंतु जिला पंचायत सदस्य के चुनाव को लेकर सभी राजनैतिक दलों के नेताओं की अग्नि परीक्षा होगी।
जिला पंचायत के 33 सदस्य पदों का चुनाव कांटेदार हो रहा है।
भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी एवं कांग्रेस के बीच जोर अजमाइश चल रही है। वोटर्स मताधिकार का प्रयोग कर सभी प्रत्याशियों की किस्मत को मतपेटिका में बंद कर देंगे। दिलचस्प बात तो यह है कि इस बार के चुनाव में जिला पंचायत के दो पूर्व अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हैं। मतदान के बाद दो मई को होने वाली मतगणना से यह स्पष्ट हो जाएगा कि वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मथुरा की राजनीति में क्या संकेत मिल रहे हैं।
अब सभी दलों की निगाह दो मई की ओर लगी हैं। वर्ष 2016 में हुए जिला पंचायत चुनाव परिणाम के बाद भाजपा का कब्जा हो गया था। अध्यक्ष की सीट पर ममता चौधरी बैठी थी। अब जिला पंचायत अध्यक्ष सीट किसकी किस्मत में है, यह दो मई के बाद ही पता चल सकेगा।
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