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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में बिल्सी कस्बे के मोहल्ला संख्या-6 में एक बेटे ने अपनी माता-पिता को घर में रहने के लिए जगह न दी। मजबूर माता-पिता भट्टे के मजदूरों के लिए बनी कोठरी में रहने को मजबूर हो गए। ये बुजुर्ग पिछले 3 दिन से जमीन पर ही बरसात के समय में लेटने को मजबूर थे। आस पड़ोस के लोगों की मदद से उन्हें कभी-कभी खाना नसीब हो जाता था नहीं भूखे ही सोना पड़ता था।
सीओ बिल्सी अनिरुद्ध सिंह को भट्टे पर बुजुर्गों के बारे में पता चला कि बुजुर्ग पति-पत्नी कई दिनों से भूखे हैं, जिन्हें बेटों ने छोड़ दिया है। सीओ बिल्सी पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दोनों वृद्ध लोगों को इलाज के लिए बिल्सी सीएचसी भिजवाया। यहां पुलिसकर्मियों ने दोनों वृद्धों को अपने हाथों से नहलाया और नए वस्त्र पहनाए और जहां उनके जख्म थे वहां पट्टी करवाई। उन दोनों वृद्धों को वांस बरोलिया स्थित बृद्धा आश्रम पहुंचा दिया गया।
बता दें यह दोनों बरेली जिले के विशारतगंज के रहने वाले हैं। जो बिल्सी में लंबे समय से रह रहे थे। वृद्धा का नाम शारदा तथा उनके पति का नाम रामनाथ है। इनके दो पुत्र हैं। एक पुत्र बाबा बनकर उझानी में रह रहे हैं तथा दूसरा पुत्र बिल्सी में रहता है। पुत्र ने अपने माता-पिता को घर में जगाह नहीं दी तो दोनों लोग इधर-उधर मांग कर गुजर-बसर करने लगे।
पिछले 3 दिनों से बिल्सी के मोहल्ला संख्या 6 स्थित भट्टे की लेबर को बनी कोठरी में रह रहे थे। यहां बरसात के समय में वह जमीन पर लेटते थे उनके कई जगह जख्म भी हो गए थे, और कीड़े लग गए थे।
बिल्सी सीओ अनिरुद्ध सिंह ने दोनों वृद्धों का इलाज कराया, जिसके बाद नए वस्त्र पहन वाकर बास बरोलिया वृद्धा आश्रम पहुंचा दिया। यहां उनकी अच्छे से देखभाल होगी। वहीं कस्बा इंचार्ज कृष्णपाल सिंह ने दोनों वृद्ध लोगों को ₹2000 दिए। बिल्सी थाने में तैनात कॉन्स्टेबल हरेंद्र कुमार, मुफीद सलमानी, सौरभ मलिक, कुमारी नीति, सुनील कुमार ने इन दोनों वृद्धों को अपनी गोद में उठाकर गाड़ी में बिठाया. जिसके बाद पुलिस की नगर में व्यापक प्रशंसा हो रही है।
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