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विशेष संवाददाता
यूनिक समय, गोवर्धन। ब्रज के सबसे बड़े मेला में शुमार राजकीय मुड़िया पूर्णिमा मेला इस बार भी शायद नहीं लगेगा। मुड़िया पूर्णिमा को सिर्फ 20 दिन शेष हैं। मेला के प्रबंधन को लेकर प्रशासन की तैयारियां शून्य हैं। मेला के निरस्तीकरण पर प्रशासन की ओर से आदेश करना बाकी है। इसके बाद भीड़ रोकने की प्लानिंग तैयार की जाएगी।
कोरोना संक्रमण काल के चलते यह दूसरी बार होगा जब गोवर्धन में मुड़िया मेला को महज औपचारिकता के रूप में मनाया जाएगा। गोवर्धन में लगने वाले मुड़िया मेला पांच दिन तक लगता है। यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए करीब दो महीने पहले से ही प्रशासन को व्यवस्थाएं करनी होती हैं। व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासनिक तैयारियों की बैठक होती हैं लेकिन इस बार आषाढ़ मास की एकादशी 19 जुलाई को है लेकिन व्यवस्थाएं नहीं की जा रही हैं। तहसील प्रशासन को भी उच्चाधिकारियों से मेला कराने को लेकर कोई दिशा-निर्देश निर्गत नहीं किये गये हैं। ऐसे में गोवर्धन प्रशासन ने भी माना है कि कोरोना संक्रमण काल के चलते मेला निरस्त ही किया जाएगा। उच्चाधिकारियों के आदेश का इंतजार है।
मेला के कारण भीड़ आने से कोरोना संक्रमण को रोकना मुश्किल हो जाएगा। सिर्फ गिरिराज महाराज के प्रमुख मंदिरों में कोविड नियमों के पालन के निर्देश दिये गये हैं। कोरोना बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए 19 से 24 जुलाई तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगानी होगी। गोवर्धन। पिछले मुड़िया मेला को निरस्त के समय बड़े मंदिरों के खुलने के आदेश नहीं थे लेकिन इस बार मंदिरों के खुलने से श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू हो गया है। भीड़ को रोकने के लिए अलग से प्रयास किये जाएंगे।
सहायक मेला अधिकारी एवं एसडीएम राहुल यादव का कहना है कि मुड़िया मेला में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ आएगी। इससे कोरोना संक्रमण फैलने से रोकना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए मेला को निरस्त होना चाहिए। मुड़िया पूर्णिमा राजकीय मेला होने के कारण उच्चाधिकारियों के आदेश का इंतजार है। फिलहाल मेला कराने जैसी स्थिति नहीं है।
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