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संवाददाता
यूनिक समय, वृंदावन। गुरु पूर्णिमा पर मंदिरों की नगरी में गुरु के दरबार सजे। शिष्यों ने आकर अपने-अपने गुरु के चरण पादुकाओं की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। कई आश्रमों ने शिष्यों को ऑनलाइन भी जोड़ा।
अटल्ला चुंगी स्थित श्री ललित कुंज आश्रम में श्री हरिदासिय पीठाधीश्वर राधा प्रसाद देव जू महाराज ने अपने सदगुरुदेव की चरण पादुका का पूजन किया। फिर शिष्यों ने श्री हरिदासिय पीठाधीश्वर राधा प्रसाद देव जू महाराज का कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए विधि विधान के साथ पूजन किया। वही महाराज श्री के कृपा पात्र मोहिनी बिहारी शरण महाराज ने गुरु पूर्णिमा का महत्व बताया। कहा कि शिष्य अपने मन को कोरे कागज के समान गुरु चरणों में समर्पित नहीं करता, तब तक उसे ज्ञान का प्रकाश उपलब्ध नहीं होता।
छटीकरा मार्ग स्थित हनुमान टेकरी आश्रम में बड़े महंत रामशरण दास महाराज समेत सभी सन्तों ने सद्गुरुदेव की चरण पादुका का पूजन किया। आश्रम के महंत वृन्दावन दास महाराज एवं महंत दशरथ दास महाराज ने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व पर अपनी कृतज्ञता व भाव समर्पण करने का पर्व है। गुरु ही एक ऐसा साधन हैं जो मनुष्य को अज्ञानता के अंधकार से दूर कर ज्ञान के प्रकाश का रास्ता दिखाता है। गुरु, शिष्य को ज्ञान के यथार्थ से परिचित कराता है ।
ठाकुर श्री राधा सनेह बिहारी मंदिर में अंतरराष्ट्रीय श्रीमद्भागवत के सरस प्रवक्ता स्व. आचार्य मूल बिहारी शास्त्री एवं उनके सुपुत्र मंदिर ठाकुर बांके बिहारी एवं ठाकुर राधा सनेह बिहारी के सेवा अधिकारी स्व. आचार्य अतुल कृष्ण गोस्वामी का चित्रपट पूजन-अर्चन कर उनके सभी शिष्य परिवार ने आशीर्वाद लिया।
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